भारत की सफल महिला गेंदबाज नीतू डेविड ने टी-20 के लिए कही ये बात, पढ़िए- उनका साक्षात्कार
इंडियन क्रिकेट टीम में रहकर सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाली तीसरी और एकदिवसीय मैचों में सफल स्पिन गेंदबाज नीतू डेविड को बीसीसीआइ ने सीनियर महिला चयन समिति का अध्यक्ष बनाया है। वह मानती हैं कि विश्व क्रिकेट में देश की बेटियों का रुतबा कायम हो रहा है।
- -भारतीय टीम में सबसे सफल गेंदबाज के बाद कई अहम पदों पर आप रहीं। उप्र के लिए प्रमुखता क्या रहेंगी ?
-खिलाड़ी, कोच और चयनकर्ता के रूप में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला। यह मेरे लिए गौरव की बात है। नई प्रतिभावान लड़कियों को मंच तक पहुंचाना ही मेरी प्रमुखता पर रहेगा।
- आपके समय से लेकर अब तक महिला क्रिकेट के दौर को आप कैसे देखती हैं ?
-जमीन-आसमान का फर्क आ गया है। उस समय चुनिंदा लड़कियों को खेलने का अवसर मिलता था। अब लड़कियां बड़ी संख्या में क्रिकेट से जुड़ रहीं हैं। सीमित रहने वाला महिला क्रिकेट दिनों-दिन बढ़ रहा है।
- टेस्ट और एकदिवसीय गेंदबाज के रूप में टी-20 क्रिकेट को किस नजरिए से देखती हैं ? क्या यह फाॅर्मेट सिर्फ बल्लेबाजों का है ?
-बतौर गेंदबाज ऐसा कहना कि टी-20 फाॅर्मेट बल्लेबाजों का है, गलत होगा। क्योंकि बेहतर गेंदबाज एक गेंद से मैच का परिणाम बदल सकता है। फॉर्मेट कोई भी हो खिलाड़ी का बेहतर प्रदर्शन मायने रखता है।
- ग्रीनपार्क से अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके लिए कोई भविष्य की योजना ?
-ग्रीनपार्क स्टेडियम से क्रिकेट का ककहरा सीखा। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम देश के प्रमुख टेस्ट सेंटर के साथ उप्र की शान है। इस ऐतिहासिक मैदान में महिला क्रिकेट का अंतरराष्ट्रीय मुकाबला करना मेरी प्रमुखता पर रहेगा।
- उप्र में महिला क्रिकेट की स्थिति को आप अन्य राज्यों की तुलना में किस तरीके से देखती हैं ? उप्र में किन-किन जनपदों से आपको बेहतर खिलाड़ी मिलने की उम्मीद रहेंगी ?
-उप्र की लड़कियों में सीखने की ललक के साथ अनुशासन उन्हें अन्य राज्यों से अलग बनाता है। उप्र बेहतर गेंदबाज, बल्लेबाज व ऑलराउंडर देने वाला प्रदेश है। यहां के हर जनपद से ट्रायल में प्रतिभावान खिलाड़ी मिलते रहे हैं।
- पुरुष क्रिकेट की तुलना में महिला आइपीएल के बारे में आपके क्या विचार हैं ?
-निश्चित महिला आइपीएल जूनियर व सीनियर खिलाड़ियों के बीच तालमेल बढ़ाने का बेहतर मंच है। इससे जूनियर खिलाड़ियों को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
- विदेशी महिला क्रिकेटर और भारतीय महिला क्रिकेटराें में क्या अंतर आप देखती हैं ? किसका फिटनेस स्तर बेहतर होता है ?
-मेरे हिसाब से भारतीय और विदेशियों का फिटनेस लेवल काफी हद तक वातावरण पर निर्भर करता है। भारतीय गर्म व विदेशी ठंडे वातावरण में बेहतर कर पाते हैं। भारतीय क्रिकेटरों का फिटनेस स्तर किसी से कम नहीं है।
- उप्र क्रिकेट में पुरुष के मुकाबले महिला क्रिकेट में क्या बेहतर संभावनाएं हैं ?
-पुरुष क्रिकेट की तर्ज पर महिला क्रिकेट में भी कैंप, मैच का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इससे हर क्षेत्र के लिए बेहतर खिलाड़ी मिल रहे हैं। जो स्टेट के साथ भारतीय टीम में अपनी संभावनाएं तराश सकते हैं।
- बतौर सीनियर महिला टीम की मुख्य चयनकर्ता टीम आप बेहतर टीम संतुलन कैसे बनाएंगी ?
-संतुलित टीम ही जीत का प्रमुख आधार होती है। हमारा फोकस मिश्रित टीम पर रहेगा। जिसमें बल्लेबाज, गेंदबाज, ऑलराउंडर के साथ बेहतर विकेट कीपर और फील्डर हो। जो किसी न किसी प्रकार से टीम के काम आ सकें। मेरी प्राथमिकता संतुलित टीम के साथ बेहतर बेंच स्ट्रेंथ पर हमेशा से रहती है।
- संक्रमण काल के बाद महिला क्रिकेट को लेकर आपकी क्या रणनीति रहेंगी ? आपकी प्रमुखता पर टेस्ट क्रिकेट रहेगा या एकदिवसीय ?
-कोविड के चलते टेस्ट के स्थान पर एकदिवसीय व टी-20 फॉर्मेट पर फोकस रहेगा। टेस्ट क्रिकेट को खिलाड़ियों का बैक बोन कहा जाता है। परिस्थितियां सामान्य होने पर हर फॉर्मेट का आयोजन कराया जाएगा।