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देश सेवा की चाह ने किसान के बेटे को बनाया ITBP में अफसर, ठुकरा चुके ऑटोमोबाइल कंपनी का ऑफर

ITBP Mussoorie Induction मनोज नवोदय विद्यालय के छात्र रहे और स्टेप एचबीटीआइ से बीटेक किया। वर्ष 2018 में सेंट्रल आम्र्स पुलिस फोर्सेज की परीक्षा पास की। इसके बाद 29 जून 2020 को अधिकारी रैंक पर ट्रेनिंग पर गए और अब आइटीबीपी में सहायक कमांडेंट बन गए हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:47 PM (IST)
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बेटे मनोज कमल को मिठाई खिलाते पिता रामऔतार, साथ में मां शिवरानी देवी व पत्नी दीपशिखा।
कानपुर देहात, जेएनएन। खेती कम होने के बाद भी बेटे को पढ़ाने के लिए बंटाई पर खेत लेकर मेहनत की। बेटे ने भी पिता की इस मेहनत को विफल नहीं जाने दिया और अपनी सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए। मैथा के मनोज कमल अब  आइटीबीपी में सहायक कमांडेंट बन गए हैं और परिवार इस सफलता पर बेहद खुश हैं। उन्होंने परिवार के साथ ही क्षेत्र का भी मान बढ़ाया है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें रैंक लगाई। मनोज नवोदय विद्यालय के छात्र रहे और स्टेप एचबीटीआइ से बीटेक किया। वर्ष 2018 में सेंट्रल आम्र्स पुलिस फोर्सेज की परीक्षा पास की। इसके बाद 29 जून 2020 को अधिकारी रैंक पर ट्रेनिंग पर गए और अब आइटीबीपी में सहायक कमांडेंट बन गए हैं। इससे उनके किसान पिता रामऔतार, मां शिवरानी देवी व पत्नी दीपशिखा बेहद खुश हैं। मनोज कहते हैं कि उनके पिता के पास केवल एक बीघा खेती थी और वह खुद कभी स्कूल नहीं गए, लेकिन उनकी पढ़ाई के लिए पिता ने कभी पैसे को आड़े नहीं आने दिया। बंटाई पर खेत लेकर मेहनत की और पिता की मेहनत को भी उन्होंने समझा और पढ़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उनकी एक बाइक कंपनी में नौकरी लग रही थी, लेकिन देश की सेवा करने की चाह आइटीबीपी की ओर ले गई। 

इटावा की दीक्षा ने भी साकार किया सपना: चेन्नई में साफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहीं इटावा निवासी दीक्षा का चयन भी आइटीबीपी में सहायक कमांडेंट के पद पर हुआ। दीक्षा ने संघ लोक सेवा आयोग की सेंट्रल आर्म्ड पुलिसबल की परीक्षा 2018 में दी थी। परीक्षा परिणाम आने के बाद जुलाई 2020 में उन्होंने मसूरी में अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी। 

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