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Lala Amarnath Special : पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले अमरनाथ की कानपुर में लगती थी पाठशाला

Jagran Special 1975 में काउंटी क्रिकेट क्लब के कप्तान रहे अरुण अवस्थी ने बताया कि लाला जी ने बतौर मुख्य कोच प्रशिक्षण दिया। उनके सीखाने की कला आज भी मैदान में पहुंचते ही याद आ जाती है। वे गेंदबाज व बल्लेबाजों की छोटी-छोटी बारीकियों पर कड़ी नजर रखते थे।

By Akash DwivediEdited By: Updated: Sat, 11 Sep 2021 09:26 AM (IST)
Lala Amarnath Special : पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले अमरनाथ की कानपुर में लगती थी पाठशाला
जन्मदिन पर विशेष : भारतीय टीम के क्रिकेटर लाला अमरनाथ। वीडियो ग्रैब

कानपुर (अंकुश शुक्ल)। क्रिकेटर भारतीय टीम से पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले लाला अमरनाथ के लंबा समय शहर में बीता। बृजेंद्र स्वरूप मैदान में लगने वाली लाला जी की क्रिकेट पाठशाला में खेलकर कई युवाओं ने क्रिकेट जगत में पहचान हासिल की। वे वर्ष 1958 से 1970 के बीच एलनगंज और स्वरूप नगर में रहकर शहर के क्रिकेट को संवारते रहे।

11 सितंबर 1911 को पंजाब में जन्मे लाल अमरनाथ ने वर्ष 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ शतक जमाकर क्रिकेट जगत में खेल का लोहा मनवाया। क्रिकेटरों को संवारने के लिए वे बृजेंद्र स्वरूप मैदान में दो सत्र में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करते थे। उनके सीखने के सख्त अंदाज के चलते हमेशा अनुशासन में रहते थे। वर्ष 1975 में काउंटी क्रिकेट क्लब के कप्तान रहे अरुण अवस्थी ने बताया कि लाला जी ने बतौर मुख्य कोच प्रशिक्षण दिया। उनके सीखाने की कला आज भी मैदान में पहुंचते ही याद आ जाती है। वे गेंदबाज व बल्लेबाजों की छोटी-छोटी बारीकियों पर कड़ी नजर रखते थे। उस दौर में उनके प्रशिक्षण हासिल करने को कई जिलों से खिलाड़ी आते थे।

पिच की पढ़ाने में माहिर थे लाला जी : बीसीसीआइ पैनल के सीनियर स्कोरर सौरभ चतुर्वेदी ने बताया कि ग्रीनपार्क में हुए भारत बनाम वेस्टइंडीज टेस्ट मैच के विकेट को देखकर लाला जी ने भविष्णवाणी की थी कि विकेट सपाट है इसमें परिणाम नहीं निकलेगा और वही हुआ हाईस्कोरिंग मैच ड्रा पर समाप्त हुआ। लाला जी वर्ष 1958 से लेकर 1970 तक तीनो बेटें सुरेंद्र, मोहिंदर व रोजदार के साथ पुत्री कमला और विमला के साथ एलगनगंज स्थित राधाकुटी में रहते थे।