कानपुर में तस्करों ने फैलाई सनसनी, गांजा तस्करी के विवाद में फायरिंग और बमबाजी; इलाके में दहशत का माहौल
कानपुर के चकेरी में गांजा तस्करी को लेकर वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार देर शाम काजीखेड़ा की टुन्नू पतंग वाली गली में जमानत पर छूटे तस्करों ने फिर से बमबाजी और फायरिंग कर दहशत फैला दी। हालांकि पुलिस फायरिंग और बमबाजी की घटना को लगातार नकार रही है। बीते एक माह में गांजा तस्करी के विवाद को लेकर यह तीसरी घटना है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। चकेरी में गांजा तस्करी में वर्चस्व को लेकर आए दिन होने वाला विवाद किसी दिन बड़ा रूप ले सकता है। बुधवार देर शाम काजीखेड़ा की टुन्नू पतंग वाली गली में जमानत पर छूटे तस्करों ने फिर से बमबाजी और फायरिंग कर दहशत फैला दी।
हालांकि, पुलिस फायरिंग और बमबाजी की घटना को लगातार नकारती रही। बीते एक माह में गांजा तस्करी के विवाद को लेकर यह तीसरी घटना है। पुलिस का कहना है कि विवाद के बाद पटाखा फोड़े जाने की सूचना है। जांच की जा रही है।
चकेरी थाना पुलिस ने लाल बंगला स्थित कालीबाड़ी निवासी अंकित तुत्तल को कुछ माह पहले गांजा तस्करी के आरोप में जेल भेजा था। वह 15 दिन पहले ही जमानत पर छूटकर आया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उसका इलाके के अन्नी बउवा से गांजा तस्करी को लेकर विवाद हुआ था। बुधवार देर शाम अंकित अपने साथी काशी सोनकर समेत एक दर्जन लोगों के साथ आया और दो राउंड फायरिंग के साथ ही बम फोड़े। फायरिंग और बम धमाके से इलाके के लोगों में दहशत फैल गई।
आरोपित तमंचा लहराते हुए भाग निकले। पुलिस ने घटनास्थल पर जांच पड़ताल की। इससे पहले 15 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के आवास के पास दो पक्षों में गांजा तस्करी के विवाद में ही फायरिंग हुई थी, दोनों पक्षों की ओर से क्रास मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।एसीपी चकेरी दिलीप सिंह ने बताया कि दो पक्षों के बीच विवाद में पटाखा फोड़े जाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने जांच पड़ताल की है, सीसीटीवी फुटेज और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
दो सितंबर को सब्जी विक्रेता को मारी थी गोली
काजीखेड़ा में ही दो सितंबर को वर्चस्व को लेकर सब्जी विक्रेता रोहित गौतम को सैलून में घुसकर सफीपुर निवासी अजय निषाद उर्फ बुग्गा ने साथियों के साथ मिलकर गोली मारी थी। रोहित के हाथ की अंगुली उड़ गई थी।पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने भाजपा नेता अंशू गुप्ता और राजू पागल समेत 28 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने बुग्गा को जेल भेजकर अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने की बात कही थी, 15 दिन बीतने के बाद भी पुलिस की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है।
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