Kanpur News: 75 राजस्व निरीक्षकों की टीम, फिर भी नहीं दुरुस्त हो पा रहे मनमानी गृहकर बिल; सड़क पर उतरे व्यापारी
कानपुर नगर निगम ने बिना किसी पूर्व सूचना के लोगों पर वर्ष 2022 से गृहकर बिल बढ़ाकर वर्ष 2024 के बिल के साथ जोड़कर भेज दिया है। इस मनमाने फैसले से लोगों में भारी आक्रोश है। कई लोगों को गड़बड़ बिल भी भेजे गए हैं। नगर निगम ने अब गड़बड़ वाले बिलों को ठीक कराने के लिए शिविर लगाया है फिर भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। नगर निगम ने बिना कार्यकारिणी और सदन को बताए जनता पर वर्ष 2022 से गृहकर बिल बढ़ाकर वर्ष 2024 के बिल के साथ जोड़कर भेज दिया है। दो साल का बकाया बढ़े गृहकर के साथ आने से लोगों में आक्रोश है। वहीं तमाम लोगों के गड़बड़ बिल भेज दिए गए।
जनता के आक्रोश के बाद नगर निगम ने गड़बड़ वाले बिलों को ठीक कराने के लिए नगर निगम मोतीझील में शिविर लगाया है। अब तक सौ से ज्यादा शिकायतें आ चुकी है।
नगर निगम में 75 राजस्व निरीक्षक तैनात
मजे की बात यह है कि नगर निगम में 75 राजस्व निरीक्षक तैनात है इसके बाद भी लोगों को गड़बड़ वाले बिलों को ठीक कराने के लिए दौड़ना पड़ रहा है। कई राजस्व निरीक्षकी की जगह निजी कर्मचारी वार्ड कार्यालयों में बैठते है। इनकी गुपचुप ढंग से जांच की जाए तो खेल सामने आएगा।वहीं पूर्व पार्षद फोरम ने व्यापारियों से आह्वान किया है कि मनमाने गृहकर बिल और नयी संपत्ति के नामांतरण में डीएम सर्किल रेट का एक प्रतिशत नामांतरण शुल्क का विरोध करने के लिए साथ में मैदान पर उतरे। मामला दिनों दिन तूल पकड़ता जा रहा है। विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक व सलिल विश्नोई, विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने शासन में मामला रखा है।
नामांतरण के लिए बनायी जाएगी नीति
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि पूरे प्रदेश में नगर निगम में नामांतरण के लिए एक नीति बनायी जाएगी ताकि एक जैसा शुल्क हर जगह लिया जाए।पूर्व पार्षद फोरम के मदन लाल भाटिया, ललित श्रीवास्तव, ने कहा कि पूर्व पार्षदों की टीम एक-एक जोन और एक-एक वार्ड में जाएगी। काम न करने और जनता को दौड़ाने वाले राजस्व निरीक्षक को चिह्नित कर शासन को पत्र लिखा जाएगा।
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