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जिस पहाड़ से गुजरे थे प्रभु राम, वहां बारूद से मिटाए जा रहे 'पदचिह्न'

खनन माफिया पर्यावरण संग आस्था भी कर रहे छलनी रामचंद्रन पहाड़ का अस्तित्व खतरे में लघु कामदगिरि नाम से चर्चित है यह पर्वतीय क्षेत्र।

By AbhishekEdited By: Updated: Fri, 02 Aug 2019 09:44 AM (IST)
जिस पहाड़ से गुजरे थे प्रभु राम, वहां बारूद से मिटाए जा रहे 'पदचिह्न'
बांदा, [विमल पांडेय]। त्रेतायुग में वनवास के समय प्रभु श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ जिस लघु कामदगिरि रामचंद्रन पहाड़ पर से गुजरे, वह खनिज माफिया के निशाने पर है। विस्फोट से पहाड़ का अस्तित्व मिटाया जा रहा है। यहां पर्यावरण असंतुलन संग आस्था भी छलनी हो रही है लेकिन प्रशासन और खनिज विभाग इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

रामचरित मानस के अनुसार, प्रभु श्रीराम ने सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास में 12 वर्ष चित्रकूट के जंगलों में बिताए थे। बांदा, उत्तर प्रदेश के नरैनी तहसील से जुड़ी ग्राम सभा बरुवा स्योढ़ा मर्यादा पुरुषोत्तम की अनेक गाथाएं समेटे है। मान्यता तो यही है कि प्रभु के पदचिह्न यहां विद्यमान हैं। ऊके पहाड़ के बीच में एक सरोवर है, जिसकी चïट्टान पर बहुत पुराने पदचिह्न स्पष्ट दिखाई देते हैं। माना जाता है कि ये भगवान राम के पदचिह्न हैैं। यही कारण है कि यह पहाड़ रामचंद्रन नाम से जाना जाता है। इधर, विस्फोट से हो रहे खनन में पर्यावरण के साथ ही आस्था की यह विरासत भी खतरे में आ पड़ी है। यूं तो बुंदेलखंड में अवैध खनन बड़ा मुद्दा है पर अब धार्मिक आस्था पर भी आघात लोगों को विचलित कर रहा है।

पदचिह्न स्थल पर लगता मेला

बताते हैं कि प्रभु श्रीराम का पैर पर्वत पर मौजूद जलकुंड की चट्टान में धंस गया था, वह पदचिह्न आज भी मौजूद है। इस सरोवर के निकट मकर सक्रांति पर मेला लगता है। हजारों श्रद्धालु कुंड में स्नान कर प्राचीन मंदिर में पूजा करते हैं।

पर्यटन केंद्र न बन सका पहाड़

साहित्यकारों और इतिहासकारों ने रामचंद्र पहाड़ को कई बार पर्यटन क्षेत्र से जोड़कर विकास की चर्चा छेड़ी, लेकिन बात सिर्फ कागजों तक सिमट गई। साहित्यकार डॉ. चंद्रिका प्रसाद दीक्षित 'ललित' कहते हैं कि पर्यटन के लिहाज से रामचंद्र पहाड़ काफी अहम है। शासन गौर करे तो देश स्तर पर इस पहाड़ के महात्म्य को श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जा सकता है।

इनका ये है कहना

प्रशासन की अनदेखी से पहाड़ खतरे में है। कई बार शिकायत पर भी सुनवाई नहीं हुई। धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है, लेकिन कोई रोकने को तैयार नहीं है।

-दयाराम शर्मा, स्थानीय निवासी

रामचंद्र पहाड़ पर अवैध खनन की जानकारी मिली थी, पर अब खनन बंद है। चौकसी बरती जा रही है। माफिया सक्रिय हुए तो कार्रवाई की जाएगी।

-हीरालाल, जिलाधिकारी, बांदा, उप्र

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