सीसामऊ सीट पर सपा-भाजपा में कांटे की टक्कर, क्या इस बार अखिलेश का किला भेद पाएंगे सीएम योगी?
सीसामऊ विधानसभा सीट पर भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतार चुके हैं। इस सीट पर मुस्लिम ब्राह्मण दलित और वैश्य मतदाताओं का दबदबा है। देखना होगा कि इस कड़े मुकाबले में कौन बाजी मारता है।
शिवा अवस्थी, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट भाजपा व सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। रोचक चुनावी रण में छोटे से लेकर बड़े योद्धा उतरे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के इस मजबूत किले को भेदने में तत्परता दिखाई है।
सामान्य दिनों में सीएम के दौरों में बड़े नेता हेलीपैड, कार्यक्रम स्थल पर मिलते थे, लेकिन दर्शनपुरवा की जनसभा व रामबाग के रोड शो में वे 250 भाजपाइयों से सीधे मिले व बात की। बूथ-सेक्टर, शक्ति केंद्र, मोर्चों व पदाधिकारियों से गणित समझा। इससे निचले स्तर तक नेता व कार्यकर्ता उत्साहित हैं।
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं आए। तीन बार पार्टी के राजनीतिक रणनीतिकार शिवपाल यादव को भेजा। अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद, सुनील साजन समेत कई नेता दिन-रात डटे हैं। डिंपल को भी उतारा गया।
इरफान को सजा होने के बाद खाली हुई सीट
सीसामऊ सीट 2012 से सपा के इरफान सोलंकी के पास थी, जिनके आगजनी के मामले में जेल जाने पर उपचुनाव की दुंदुभि बजी। सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है, जबकि भाजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता सुरेश अवस्थी पर फिर विश्वास जताया। बसपा से वीरेंद्र कुमार मैदान में हैं। मतदान की तिथि 20 नवंबर होने से भाजपाई रणनीतिकार घर-घर पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी दो बार आए। नौ नवंबर को आइटीआइ हेलीपैड व दर्शनपुरवा सभास्थल पर 127 भाजपाइयों से मिले। 16 नवंबर को रामबाग से संगीत टाकीज तक रोड शो में 123 लोगों से मुलाकात की। इसमें सेक्टर, बूथ, शक्ति केंद्र व पन्ना प्रमुख तक शामिल रहे। सीसामऊ सीट का किला भेदने के लिए 30 मिनट का रोड शो 50 मिनट चला। भीड़ देख हर घर, छज्जे, खिड़की व छत पर खड़े व्यक्ति का अभिवादन कर सड़क के दोनों तरफ लोगों को निराश नहीं किया। सेल्फी लेने वालों को विजय चिह्न दिखा संकल्प दिलाया। चलते-चलते बंटेंगे तो कटेंगे कह भाजपा के पक्ष में माहौल बना गए।
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जीआइसी मैदान में 13 नवंबर को जनसभा में कुर्सियां खाली रहने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसा। 18 नवंबर को अखिलेश का रोड शो होना था पर उनकी पत्नी डिंपल यादव आईं। इसे लेकर भाजपाइयों का कहना है कि अखिलेश हार के डर से दोबारा नहीं आए।
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