Move to Jagran APP

Freight Corridor: दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर सुरक्षित दौड़ेंगी ट्रेनें, हादसे होंगे कम, माल ढुलाई व नियंत्रण करना आसान

Freight Corridor डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के न्यू भाऊपुर जंक्शन से न्यू पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 402 किलोमीटर सेक्शन शुरू होने से अब जल्द ही रेल यात्रा की तस्वीर बदली दिखेगी। 110 मालगाड़ियों को डीएफसी पर शिफ्ट किया जा चुका है। चार दर्जन से अधिक जल्द ही और शिफ्ट किए जाने की तैयारी है। इससे माल ढुलाई आसान होगी जबकि भविष्य में भाड़ा सस्ता होने की उम्मीद जगी है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Wed, 20 Dec 2023 05:15 PM (IST)
Hero Image
Freight Corridor: दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर सुरक्षित दौड़ेंगी ट्रेनें
शिवा अवस्थी, कानपुर। डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) के न्यू भाऊपुर जंक्शन से न्यू पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 402 किलोमीटर सेक्शन शुरू होने से अब जल्द ही रेल यात्रा की तस्वीर बदली दिखेगी। 110 मालगाड़ियों को डीएफसी पर शिफ्ट किया जा चुका है। चार दर्जन से अधिक जल्द ही और शिफ्ट किए जाने की तैयारी है।

इससे यात्री ट्रेनों की तेज गति व सुगम सफर का वर्षों पुराना सपना साकार हो रहा है। मालगाड़ियां डीएफसी पर शताब्दी एक्सप्रेस जैसे दौड़ेंगी, जबकि दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर यात्री ट्रेनें बढ़ाई जाएंगी। इससे बिजली संयंत्रों तक कोयला जल्द पहुंचेगा। कारोबारियों के लिए त्वरित माल लाने के दरवाजे खुलेंगे और लाभ मिलेगा। इससे माल ढुलाई आसान होगी, जबकि भविष्य में भाड़ा सस्ता होने की उम्मीद जगी है।

डीएफसी पर मालगाड़ियों के तेज गति से संचालन व उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र के शहर स्थित जूही ए और बी केबिन चालू होने व एशिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग केंद्र बनने का सीधा फायदा दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग को होगा। इस पर अब और सुरक्षित ढंग से ट्रेनें दौड़ेंगी। इससे हादसे कम होंगे, जबकि उनकी रफ्तार भी बढ़ेगी।

रेलवे अब इस परिक्षेत्र में और सुदृढ़ तरीके से ट्रेनों का संचालन कर सकेगा। रेलवे जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, उत्तर मध्य रेलवे को सिग्नल एवं टेलीकाम विभाग में सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए जोनल दक्षता शील्ड मिली है। पिछले आठ वर्षों में ये शील्ड तीन बार मिल चुकी है। दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग समेत उत्तर मध्य रेलवे के दूसरे रूटों पर कई जगह मैनुअल इंटरलाकिंग का काम होता था। इससे दिक्कतें रहती थीं।

अब यहां के सभी यात्री मार्गों पर मैकेनिकल सिग्नलिंग को समाप्त करते हुए उसे इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग से बदल दिया गया है। जल्द इी नई ट्रेनें भी चलाई जानी हैं। इससे यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें सुगम सफर भी मिल सकेगा। तेजी के साथ इस क्षेत्र में ट्रैक को और सुदृढ़ करने के साथ ही कवच से भी लैस किया जा रहा है। इससे कोहरे और धुंध के दौरान ट्रेनों में कोई समस्या नहीं होगी। रफ्तार भी मिल सकेगी।

खास तथ्य 288 यात्री ट्रेनें वर्तमान में गुजर रही हैं सेंट्रल स्टेशन से। 30 से अधिक नई ट्रेनें वाया कानपुर चलाने की तैयारी है। 110 मालगाड़ियों को डीएफसी पर किया जा चुका शिफ्ट। 50 मालगाड़ी जल्द ही और शिफ्ट की जा सकती हैं। 1.5 से 2 लाख यात्री प्रतिदिन करते हैं ट्रेनों पर सफर।

डीएफसी पर मालगाड़ियों की शिफ्टिंग, जूही केबिन चालू होने व इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग की नई व्यवस्था बेहतरी लाएगी। ट्रेनों का नियंत्रण आसान होने के साथ उन्हें और बेहतरी के साथ संचालित किया जा सकेगा।

आशुतोष सिंह, सेंट्रल स्टेशन के उप मुख्य यातायात प्रबंधक

यह भी पढ़ें: Israel Hamas War: गाजा में खूनी जंग जारी, अब तक 19667 फलस्तीनियों की मौत; इजरायली हमले में हमास का फाइनेंसर फरवाना ढेर

यह भी पढ़ें: US Presidential Election: डोनाल्ड ट्रम्प को कोर्ट से बड़ा झटका, राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य घोषित

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।