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कानपुर में अब ट्रैक पर मिला रेलवे का ही अग्निशमन यंत्र, रोकी गई पुष्पक एक्सप्रेस; जांच में जुटे अधिकारी

दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर जिले में भीमसेन-गोविंदपुरी स्टेशन के बीच ट्रैक पर पड़े अग्निशमन यंत्र पर नजर पड़ते ही पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। करीब सवा दो घंटे पहले कुशीनगर एक्सप्रेस यहां से गुजरी थी। यह गोरखपुर से चलकर मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक जाती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यंत्र इसी ट्रेन से गिरा।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 29 Sep 2024 11:18 PM (IST)
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Train Derail News: रेलवे ट्रैक पर अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सि्टंग्विशर) पड़ा मिला। (फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण संवाददाता, कानपुर। कभी पटरी का टुकड़ा, पेड़ का तना और एलपीजी सिलेंडर रख ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र सामने आने के बाद अब रेलवे ट्रैक पर अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सि्टंग्विशर) पड़ा मिला है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर जिले में भीमसेन-गोविंदपुरी स्टेशन के बीच ट्रैक पर पड़े अग्निशमन यंत्र पर नजर पड़ते ही पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी।

कुशीनगर एक्सप्रेस ट्रेन से गिरा हो सकता है यंत्र

अग्निशमन यंत्र पर जीकेपी यानी गोरखपुर लिखा है। करीब सवा दो घंटे पहले कुशीनगर एक्सप्रेस यहां से गुजरी थी। यह गोरखपुर से चलकर मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक जाती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यंत्र इसी ट्रेन से गिरा। प्रयागराज मंडल के रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने भी किसी ट्रेन से इसके गिरने की बात कही है।

उन्होंने बताया कि रेलवे का कैरिज एंड वैगन विभाग इसकी जांच कर रहा है। मुंबई से लखनऊ जंक्शन जा रही पुष्पक एक्सप्रेस रविवार सुबह करीब चार बजे 30 किमी प्रति घंटे की गति से भीमसेन से गोविंदपुरी के बीच होल्डिंग लाइन से होकर सेंट्रल स्टेशन की ओर बढ़ रही थी। इसी बीच लोको पायलट एके भसीन की नजर ट्रैक पर सिलेंडर जैसी वस्तु पर पड़ी। ट्रेन रोकने के बाद नीचे उतरकर देखा तो अग्निशमन यंत्र था।

मामले की जांच में जुटे अधिकारी 

आरपीएफ के उपनिरीक्षक मुक्तेश्वर प्रसाद मिश्रा ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि गोरखपुर के कैरिज एंड वैगन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने अग्निशमन यंत्र जारी किया है। इस पर वैधता अवधि 14 दिसंबर 2024 अंकित है। इस पर गिरने के निशान भी मिले हैं। यह किस ट्रेन से गिरा है, इसका पता लगाया जा रहा है।

एलपीजी सिलेंडर से टकरा गया था कालिंदी एक्सप्रेस का इंजन

इससे पहले कानपुर में तीन घटनाएं हो चुकी हैं। कानपुर-झांसी रूट पर 16 अगस्त की रात साबरमती एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी। इसके बाद कानपुर-कासगंज रूट पर बिल्हौर के पास कालिंदी एक्सप्रेस का इंजन ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गया था। कानपुर-प्रयागराज रूट पर प्रेमपुर स्टेशन पर लूप लाइन में मालगाड़ी के आगे पांच किलो का एलपीजी सि¨लडर मिला था। फर्रुखाबाद में पैसेंजर ट्रेन का इंजन ट्रैक पर रखे पेड़ के तने से टकरा गया था।

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