Triple Talaq: पीड़ित महिला से दारोगा बोला-तीन तलाक कानून में क्या रखा, शरीयत की मानो
तीन तलाक पीडि़ता ने मुस्लिम विवेचक पर आरोप लगाया विवेचक बदलने पर नौ महीने बाद पति की गिरफ्तारी हुई थी।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 19 Aug 2020 08:55 PM (IST)
कानपुर, [गौरव दीक्षित]। तीन तलाक देने पर दर्ज कराए मुकदमे में एक पीडि़ता ने मुस्लिम विवेचक को कठघरे में खड़ा किया है। आरोप है कि दारोगा ने मामले में कार्रवाई के बजाय कहा कि तीन तलाक कानून में क्या रखा है, शरीयत की मानो। सीओ बाबूपुरवा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
एक साल पहले हुआ था निकाहसुजातगंज निवासी हिना परवीन ने बताया कि उसका निकाह पांच जुलाई 2019 को चाचा नेहरू कालोनी, अजीतगंज निवासी सलीम शहजादे के पुत्र नूरजादे उर्फ ईशान से हुआ था। निकाह के बाद वह काम के लिए सऊदी अरब चला गया। 27 अक्टूबर 2019 को सऊदी अरब से ही तीन तलाक दे दिया। इस पर उसने चार नवंबर 2019 को बाबूपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। इसमें पति के साथ ही ससुर, सास, देवर, ननद व ननदोई को भी आरोपित किया था। आरोप है कि ससुराल वालों के दबाव में पुलिस ने आरोपितों के नाम निकालने की कोशिश की तो उसकी शिकायत पर जनवरी 2020 में जांच बाबूपुरवा थाने से रेल बाजार स्थानांतरित हो गई।
विवेचक बदलते ही शौहर हुए गिरफ्तारमामले में सुजातगंज चौकी प्रभारी मंसूर अहमद को जांच दी गई। छह महीने तक उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका तबादला होने पर नए विवेचक ने पति को शहर लौटने पर गिरफ्तार किया। मंगलवार को मामले में नया मोड़ आया, जब हिना ने सीओ बाबूपुरवा आलोक कुमार से शिकायत कर मुकदमे के पूर्व विवेचक मंसूर अहमद पर पति को छोड़कर बाकी आरोपितों के नाम जांच में निकालने की जानकारी दी। बकौल हिना, पूर्व विवेचक मुस्लिम शरीयत को मानने वाले थे। इसीलिए जांच में अनदेखी की। सीओ ने बताया कि मामले की जांच होगी। विवेचना से जुड़ी सभी पत्रावलियां तलब की हैं।
कानून को गालियां देने वाले कई ऑडियो, फिर भी रहम हिना के पास अपने पति के कई ऑडियो हैं, जिसमें वह तीन तलाक कानून को कोस रहा है। स्वीकारा भी कि उसने पुलिस को खरीद लिया है। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद भी ऑडियो क्लिप का कोई संज्ञान नहीं ले रहा है, जिससे सवाल खड़े हुए हैं। चर्चित रहे हैं दारोगा दारोगा मंसूर अहमद पहले भी चर्चित रहे हैं। सुजातगंज से उन्हें महिलाओं से मारपीट करने के मामले में ही हटाया गया था, लेकिन जुगाड़ लगाकर वह चमनगंज की तकिया पार्क पुलिस चौकी पहुंच गए। जाजमऊ चौकी पर तैनाती के दौरान खुलेआम हाथ में पिस्टल लेकर महिलाओं को धमकाने का वीडियो वायरल हुआ था। ग्वालटोली थाने में रिश्वत लेते हुए भी उनका एक वीडियो वायरल हो चुका है।
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- आरोप बेबुनियाद हैं। विवेचना के दौरान कोई नाम नहीं निकाले। जांच में सच सामने आ जाएगा। -मंसूर अहमद, आरोपित दारोगा।
- थाना रेलबाजार जाने पर इंस्पेक्टर ने वर्तमान विवेचक को बुलाया था तभी पता चला कि मंसूर अहमद ने नाम हटा दिए हैं। इसके बाद शिकायत दर्ज कराई है। -हिना परवीन, पीडि़ता।