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UP ByElection Result: वोट प्रतिशत में नसीम सोलंकी ने पति इरफान को भी पीछे छोड़ा, तोड़ डाला 12 सालों का रिकॉर्ड

कानपुर की सीसामऊ सीट पर सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने सहानुभूति लहर के सहारे जीत दर्ज कर 52.36% वोट हासिल किए जो उनके पति इरफान सोलंकी के पिछले प्रदर्शन से अधिक है। भाजपा ने वोट प्रतिशत बढ़ाकर 45.93% किया लेकिन कम मतदान के चलते जीत नहीं सकी। बसपा समेत अन्य प्रत्याशियों को सिर्फ 2273 वोट मिले। भाजपा अपने मतदाताओं को बाहर लाने में नाकाम रही।

By rajeev saxena Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 23 Nov 2024 08:57 PM (IST)
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नसीम सोलंकी ने तोड़ डाला 12 सालों का रिकॉर्ड।
जागरण संवाददाता, कानपुर। विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सपा के मजबूत गढ़ में सहानुभूति लहर के साथ नसीम सोलंकी ने पहले ही प्रयास में वोटों के प्रतिशत के मामले में अपने पति इरफान सोलंकी को भी पीछे छोड़ दिया। परिसीमन के बाद से सपा यहां से लगातार चार बार जीत चुकी है और इसमें इस बार सबसे ज्यादा 52.36 प्रतिशत वोट सपा की झोली में आए हैं।

इससे पहले 2022 के पिछले चुनाव में इरफान सोलंकी ने सबसे ज्यादा 50.68 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। वोटों के जबरदस्त ध्रुवीकरण के चलते भाजपा ने भी इस सीट पर वोट प्रतिशत तो सुधार कर 45.93 प्रतिशत कर लिया लेकिन दोनों ही दलों के वोटों की संख्या जरूर गिर गई।

बसपा को मात्र 2,273 वोट ही मिले

यह मुकाबला सिर्फ सपा और भाजपा के बीच किस कदर सिमटा हुआ था, आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। चुनाव में 1,33,137 वोटों में से 1,30,864 वोट सिर्फ इन दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच ही बंट गए थे। बसपा, बाकी दो प्रत्याशियों व नोटा को मात्र 2,273 वोट ही मिले।

भाजपा और सपा दोनों ही दलों को पिछले दो चुनाव 2017 और 2022 के मुकाबले कम वोट मिले। इसका कारण कम मतदान था। पिछले चुनाव में भाजपा और सपा के प्रत्याशियों को मिलाकर कुल मतदान का 93.51 प्रतिशत वोट मिला था और बाकी वोट दूसरे प्रत्याशियों को मिले थे लेकिन इस बार यह प्रतिशत बढ़कर 98.29 हो गया।

मतों की स्थिति देखी जाए तो सपा और भाजपा दोनों ही 2017 के पहले की स्थिति में पहुंच गए हैं। भाजपा के लिए यह बड़ा नुकसान यह है कि वह सपा के वोट कम होने के बाद भी चुनाव हार गई। भाजपा को इससे भी ज्यादा वोट 2022 में 66,897 और 2017 में 67,204 मिले थे।

देखा जाए तो 2017 तक सपा की सरकार थी और 2022 में माना जा रहा था कि सपा सरकार बनाने जा रही है। इसके बाद भी भाजपा प्रत्याशियों ने ज्यादा वोट पाए थे। खुद पार्टी नेताओं का मानना है कि भाजपा नेताओं ने अपने वोट ही नहीं निकाले जा सके। पार्टी का रुख था कि मुस्लिम वोट कम पड़े और इसी पर फोकस रहा, जबकि मुस्लिम वोट एकजुट होकर गिरा और पार्टी अपने मतदाताओं को ही घर से नहीं निकाल सकी।

परिसीमन के बाद से भाजपा और सपा की स्थिति

वर्ष सपा  प्रतिशत भाजपा प्रतिशत
2024 69,714  52.36  61,150  45.93
2022 79,163  50.68  66,897  42.83
2017 73,030  47.35  67,204  43.58
2012 56,496  42.17  36,833  27.50

लोकसभा के मुकाबले भाजपा बढ़ी

अभी इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 60,848 वोट मिले थे। वहीं इंडी गठबंधन के आलोक मिश्रा को यहां 87,323 वोट मिले थे। अब विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन की प्रत्यासी नसीम सोलंकी को 17,609 वोट कम मिले। वहीं भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 302 वोट ज्यादा मिले लेकिन इतने वोटों की बढ़त भी सुरेश अवस्थी के लिए काफी नहीं थी।

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