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UP ByPolls 2024: मायावती ने सीसामऊ सीट पर बदला प्रत्याशी, ब्राह्मण चेहरे पर लगाया दांव

बसपा ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में अपना प्रत्याशी बदलते हुए ब्राह्मण पर दांव लगाया है। सेवानिवृत्त प्रवक्ता वीरेंद्र शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है। वह शिक्षक संघ की राजनीति से जुड़े रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम ब्राह्मण और दलित मतदाताओं के बीच जीत की राह उलझी हुई है। बता दें सीसामऊ सीट पर रवि गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद उनकी पत्नी सपना गुप्ता पर सहमति बनी थी।

By Ashutosh Mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 23 Oct 2024 08:57 AM (IST)
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, कानपुर। (UP Assembly By Election) बसपा ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में अपना प्रत्याशी बदलते हुए ब्राह्मण पर दांव लगाया है। सेवानिवृत्त प्रवक्ता वीरेंद्र शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है। वह शिक्षक संघ की राजनीति से जुड़े रहे हैं। इससे पहले बसपा ने उन्हें कानपुर देहात के संदलपुर से जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद वह सीट अनुसूचित जाति जन जाति के लिए आरक्षित हो गई थी।

बसपा ने सीसामऊ सीट पर रवि गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद उनकी पत्नी सपना गुप्ता पर सहमति बनी थी। मंगलवार देर शाम बसपा ने उनकी जगह वीरेंद्र कुमार शुक्ला को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

30 वर्षों तक शिक्षक राजनीति में रहें सक्रिय

अंबेडकरपुरम आवास विकास कल्याणपुर निवासी वीरेंद्र कुमार शुक्ला बीएनएसडी शिक्षा निकेतन चुन्नीगंज में अंग्रेजी प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह 30 वर्षों से शिक्षक राजनीति में सक्रिय रहे। वह शिक्षक संघ में शर्मा गुट के कालेज इकाई के अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद महानगर इकाई में उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव रहे।

बसपा जिलाध्यक्ष राजकुमार कप्तान ने बताया कि यहां से भेजे गए पैनल में पहले से ही वीरेंद्र कुमार शुक्ला का नाम था। इसलिए यह फैसला अचानक नहीं हुआ है। बसपा सुप्रीमो ने प्रत्याशी बदलने का निर्णय लिया है।

सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में जीत की राह मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित मतदाताओं के बीच उलझी हुई है। भाजपा ने 1991 में इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2012 से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा है।

इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में मिले वोटों ने साफ कर दिया कि भाजपा के लिए अभी यह सीट आसान नहीं है, वह भी तब जब कांग्रेस सपा के साथ खड़ी हुई है। वहीं बसपा के लिए अपने कोर वोटर को संभाल पाना काफी मुश्किल साबित हो सकता है।

सीट पर एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता

विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन के बाद 2012 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था और उसमें जिस तरह से भौगोलिक स्थिति बदली, उसके चलते ही सीसामऊ में सपा लगातार जीत रही है। इस बार चुनाव में भाजपा ने जीत के लिए अपना फोकस बदला है। इस सीट पर 2,69,770 मतदाता हैं। इसमें से मुस्लिम मतदाता करीब एक लाख 10 हजार हैं।

वहीं ब्राह्मण और अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या करीब साठ-साठ हजार है। पार्टी ने इस बार अनुसूचित जाति बस्तियों पर शुरू से ही फोकस किया है।

भाजपा के लिए सीसामऊ सीट के प्रभारी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और सह प्रभारी आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल दोनों ही अनुसूचित जाति बस्तियों में संपर्क करते रहे हैं। सांसद रमेश अवस्थी भी अनुसूचित जाति बस्तियों में पांच जन चौपाल लगाकर लोगों को शिकायतों को दूर करने का प्रयास कर चुके हैं।

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