वीडियो वायरल होने पर भाजपा विधायक पर मुकदमा, कानपुर की किदवई नगर सीट से लड़ रहे हैं चुनाव
कानपुर में किदवई नगर सीट से भाजपा विधायक और प्रत्याशी महेश त्रिवेदी के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं जिनका संज्ञान लेकर पुलिस ने कार्रवाई की है। उनपर समर्थकों को झगड़ा करने के लिए उकसाने व धमकी देने का आरोप है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी के किदवई नगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी और वर्तमान विधायक महेश त्रिवेदी के खिलाफ नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पिछले दिनों दिनों वायरल हुए वीडियो को लेकर पुलिस ने आचार संहिता और काेविड प्रोटोकाल उल्लंघन समेत धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
वायरल वीडियो में कही यें बातें
कानपुर की किदवई नगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी फिर चुनाव में प्रत्याशी हैं। बीते दिनों उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने समर्थकों को मारपीट के लिए उकसाते नजर आ रहे थे। वह भाषण में कह रहे थे कि लाठी, डंडा, चप्पल सब मारना, बस गोली मत मारना बाकी सब हम देख लेंगे। उन्होंने वीडियो में गोली न मारने वाली बात दो बार कही थी। कार्यकर्ताओं को उकसाने वाला यह वीडियो खासा विवादित हो गया था। हालांकि उनका एक और वीडियो बाद में सामने आया था, जिसमें वह कह रहे थे कि अपनी बात से पीछे नहीं हटे हैं और कहा-अगर उनके कार्यकर्ता आतताइयों का लाठी, डंडे, चप्पल से सामना करते हैं तो वह उनके साथ हैं। जागरण डॉट काम वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। बीते दिनों उनका एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह लोगों के बीच बैठक कर रहे थे। वीडियो में वह कहते नजर आ रहे थे कि दस बार बुलाओगे हम आएंगे, लेकिन दरवाजे-दरवाजे सोचो महेश घूमे, यह असंभव है, आप वोट करो चाहे ना करो।
पुलिस से नहीं ली गई थी अनुमति
वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर पुलिस ने भाजपा विधायक पर कार्रवाई की है। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद कुमार तिवारी ने बताया कि विधायक महेश त्रिवेदी ने चुनाव प्रचार व जनसंपर्क के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। उपरोक्त प्रकरण में रिटर्निंग अफसर द्वारा जांच में आचार संहिता के उल्लंघन एवं कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन का प्रकरण सामने आया। रिपोर्ट आने के बाद एफएसटी सुधांशु त्रिपाठी की ओर से थाना नौबस्ता पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
विधायक पर लगाई धाराएं और प्रावधान
धारा 117 : अपराध के लिए उकसाना। एक वर्ष के लिए सजा जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। सजा व जुर्माना दोनों।
धारा 171ग : निर्वाचन के परिणाम पर प्रभाव डालने के लिए मिथ्या कथन। जुर्माना।
धारा 506 : धमकी देना। दो साल की सजा, जुर्माना या दोनों।
धारा 188 : लाक डाउन का उल्लंघन। छह माह की सजा, जुर्माना या दोनों।
धारा 269 : उपेक्षापूर्ण कार्य, जिससे संक्रामक बीमारी बढ़े। छह माह की सजा, जुर्माना या दोनों।
धारा 270 : घातक संक्रामक बीमारी को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने। दो साल की सजा, जुमार्ना या दोनों।