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UP News: दोस्त ही बन गए जान के दुश्मन, हत्या कर नदी में फेंका शव

शिवराजपुर के सुघरदेवा गांव से सात जनवरी को लापता हुए युवक की हत्या उसके दोस्तों ने गला दबाकर की थी। उसका शव सीतापुर के अटारिया जल्लाबाद की एक नदी से मिला था। हत्यारोपित दोस्त युवक को घर से ले गए थे। हत्या के पीछे नशेबाजी की बात पुलिस बता रही है। हालांकि मामले में पीछे आशनाई की चर्चा है। हत्या की सूचना मिलते ही स्वजनों मे कोहराम मचा हुआ था।

By naresh pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 18 Jan 2024 02:52 PM (IST)
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दोस्त ही बन गए जान के दुश्मन, हत्या कर नदी में फेंका शव

संवाद सूत्र, चौबेपुर (कानपुर)। शिवराजपुर के सुघरदेवा गांव से सात जनवरी को लापता हुए युवक की हत्या उसके दोस्तों ने गला दबाकर की थी। उसका शव सीतापुर के अटारिया जल्लाबाद की एक नदी से मिला था। हत्यारोपित दोस्त युवक को घर से ले गए थे। हत्या के पीछे नशेबाजी की बात पुलिस बता रही है। हालांकि मामले में पीछे आशनाई की चर्चा है। हत्या की सूचना मिलते ही स्वजनों मे कोहराम मचा हुआ था।

सुघरदेवा गांव निवासी गुरु नारायण तिवारी का 33 वर्षीय अविवाहित पुत्र कुलदीप ट्रक चालक था। वह सात जनवरी की शाम को दोस्तों के साथ घर से निकला था। मां सरस्वती ने 13 जनवरी को कुलदीप के लापता होने की सूचना देते हुए गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

मां ने बताया कि सीतापुर निवासी दोनों युवक दीपांशु और प्रीत सिंह चचेरे भाई है। वह दोनों अक्सर गांव आते थे और कुलदीप से दोस्ती हो गई थी।

नदी में फेंका शव

10 दिनों से लापता कुलदीप की आसपास रिश्तेदारियों में खोजबीन की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था। इधर, शिवराजपुर थाने में 13 जनवरी को गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने पड़ताल के लिए सुघरदेवा गांव निवासी दीपांशु के रिश्तेदार से पूछताछ की। कड़ाई से पूछताछ ने उसने नशेबाजी में हत्या के बाद शव को सीतापुर की एक नदी में फेंक देने की बात का खुलासा किया।

बुधवार की सुबह पुलिस ने सीतापुर के अटारिया थाना क्षेत्र से पांच किलोमीटर दूर नदी से शव बरामद किया। इंस्पेक्टर ने बताया कि दोनों आरोपितों को हिरासत में लिया गया है।

हत्या के पीछे कही आशनाई तो नहीं

कुलदीप ट्रक चालक था। दीपांशु की गांव में रिश्तेदारी होने के कारण उसकी कुलदीप से दोस्ती हो गई। दीपांशु और कुलदीप एक दूसरे के घर अक्सर आते जाते थे। बताया गया कि दोस्ती के बीच आशनाई की दीवार आने पर कब दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। यह घर वालों को भी पता नहीं चल सका।

दोनों दोस्तों ने कुलदीप को रास्ते से हटाने के लिए सुनियोजित तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया। कुलदीप के भाई संदीप ने बताया कि वह लोग नहीं जानते थे कि दोस्त ही उसके भाई की जान के दुश्मन बन जाएंगे।

शक के आधार पर दीपांशु के रिश्तेदारों से पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हो गया। शव को नदी से बरामद कर लिया गया है। गुमशुदगी को हत्या में तरमीम करते हुए कार्रवाई की जा रही है।

- आकाश पटेल, एडीसीपी

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