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UP Police Exam: पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़ा गया मुन्ना भाई, उम्र कम करने के लिए दो बार किया हाईस्कूल

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में एक मुन्ना भाई को पकड़ा गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि उसने उम्र कम दिखाने के लिए दो बार हाईस्कूल की परीक्षा दी। दोनों मार्कशीट में उसके नाम में अंतर है जबकि पिता का नाम एक ही है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

By alok sharma Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sat, 24 Aug 2024 08:16 AM (IST)
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पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़ा गया मुन्ना भाई

जागरण संवाददाता, कानपुर। डीएवी कालेज में पुलिस भर्ती परीक्षा देने पहुंचा मुन्ना भाई पकड़ लिया गया। कोतवाली पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कम उम्र दिखाने के लिए उसने दो बार हाईस्कूल की परीक्षा दी। दोनों मार्कशीट में उसके नाम में अंतर है जबकि पिता का नाम एक ही है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। एआइ और हाइटेक साफ्टवेयर की मदद से उसे पकड़ा गया। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

उधर, सुबह पहली पाली में शुरू हुई भर्ती परीक्षा के दौरान सभी 69 सेंटरों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, एडीशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चन्दर, डीएम राकेश कुमार सिंह, डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार, डीसीपी ईस्ट एसके सिंह, डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी सुबह से परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करते रहे। सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की गई।

आधार कार्ड से हुआ खुलासा

डीएवी इंटर कालेज में दूसरी पाली में आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान मथुरा के अलीपुर कोतवाली निवासी योगेश सारस्वत के आधार कार्ड की आनलाइन जांच की गई। जांच में पता चला कि उसके दो आधार कार्ड हैं। जिसके बाद सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वर्ष 2010 में उसने मथुरा जमुनापार के सोबरन इंटर कालेज से हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। इसमें जन्मतिथि 10 जनवरी 1995 दर्ज थी।

भर्ती योग्य आयु बीत जाने के कारण उसने वर्ष 2016 में दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा दी। इसमें जन्मतिथि एक जनवरी 2000 दर्ज है। इसी आधार पर उसने दूसरा आधार कार्ड भी बनवा लिया। दोनों में पिता का नाम योगेंद्र कुमार सारस्वत लिखा है। जिसके बाद परीक्षा केंद्र में तैनात एसआइ रजनीश पाल ने योगेश को हिरासत में लेते हुए कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

सीसीटीवी और ड्रोन से हुई निगरानी परीक्षा केंद्र में जाने के लिए अभ्यर्थियों की तीन स्तर पर जांच की गई। पहले कमिश्नरेट पुलिस फिर एलआईयू और उसके बाद बायोमेट्रिक जांच से होकर अभ्यर्थियों को गुजरना पड़ा। किसी भी तरह का इलेक्ट्रानिक गैजेट्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध था। परीक्षा देने आए कई अभ्यर्थियों के पास एडमिट कार्ड नहीं था। ऐसे में उन्हें एडमिट कार्ड के लिए दूर तक भटकना पड़ा।

परीक्षार्थियों को दिक्कत ना हो तो पुलिस ने उनकी मदद की और एडमिट कार्ड निकालवाया। अधिकतर अभ्यर्थी बैग व मोबाइल लेकर पहुंचे थे ऐसे में उन्हें भटकना न पड़े इसके लिए हर केंद्र के बाहर पुलिस की तरफ से व्यवस्था की गई थी। जहां अभ्यर्थियों ने अपना बैग जमा किया और टोकन नंबर लिया। परीक्षा खत्म होने के बाद उन्हें आसानी से बैग व मोबाइल मिल गया। परीक्षा केंद्रों पर एलआइयू भी तैनात रही।

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