यूपी पुलिस को मिली बड़ी सफलता, कानपुर में पकड़ा गया 346 किलो गांजा; ट्रक ड्राइवर समेत चार गिरफ्तार
कानपुर के अरौल थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 346 किलो गांजा जब्त किया है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सामने आया है कि यह माल उड़ीसा से हरियाणा के लिए चला था। हालांकि एक बड़ी खेप कानपुर देहात में उतरनी थी जिसे श्याम सिंह ने खरीदा था। बाकी बचा माल हरियाणा के फतेहाबाद में उतराना था।
जागरण संवाददाता, कानपुर। एसीपी बिल्हौर ने रविवार की देर रात अरौल थाना क्षेत्र में गांजा से लदा एक ट्रक व बुलेरो पकड़ी। दोनों गाड़ियों में 346 किलो गांजा लदा हुआ था। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर समय चार लोगों को गिरफ्तार कर जांच शुरू की है। गांजा उड़ीसा से लाया जा रहा था, जिसकी सप्लाई कानपुर देहात में होनी थी। पुलिस ने माल खरीदने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया है।
एसीपी बिल्हौर सुमित सुधाकर रामटेके ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अरौल थानाक्षेत्र से गुजर रहे एक ट्रक को जांच पड़ताल के लिए रोका। इस ट्रक में गांजा लदा हुआ था। पूछताछ में पता चला कि आगे एक बुलेरो भी चल रही है, जिसमें भी गांजा है। पुलिस ने कुछ दूरी पर बुलेरो को भी पकड़ा। बुलेरो में चार बोरी और ट्रक में 12 बोरी गांजा लदा हुआ था, जिसका कुल वजन 346 किलो निकला।
पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में कानपुर देहात के शिवली के गांव अनोह निवासी श्याम सिंह, हरियाणा के फतेहाबाद निवासी सुखविंदर सिंह, अमृतसर निवासी ट्रक ड्राइवर बलजीत सिंह और क्लीनर हरियाणा के सिरसा निवासी कुलविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ में सामने आया कि यह माल उड़ीसा से हरियाणा के लिए चला था। हालांकि एक बड़ी खेप कानपुर देहात में उतरनी थी, जिसे श्याम सिंह ने खरीदा था। बाकी बचा माल हरियाणा के फतेहाबाद में उतराना था।
लाखों का माल, मोटा मुनाफा
एसीपी के मुताबिक श्याम सिंह ने उड़ीसा से यह माल ढाई हजार रुपये प्रति किलो के भाव से खरीदा था। ग्राहक तक पहुंचने तक इस माल की कीमत बढ़ते हुए 15 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। इस लिहाज से बरामद माल की कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी जा रही है।1200 किमी के सफर में कहीं चेकिंग नहीं
उड़ीसा से कानपुर तक 1200 किमी के सफर में गांजा लदे ट्रक की कहीं चेकिंग न हुई हो, इस पर सवाल है। गिरफ्तार आरोपितों ने स्वीकार किया है कि वह पुलिस से बचने की दृष्टि से रात में सफर करते थे। फिर भी कई स्थानों पर उन्हें पकड़ा गया। हर स्थान पर पुलिस को पैसे देकर मामला रफा दफा कर लिया गया। ट्रक के आगे बुलेरो इसीलिए चल रही थी, ताकि किसी भी समस्या से लेनदेन करके निपटा जा सके।
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