UPSIDA को बड़ा नुकसान, कानपुर के ट्रांसगंगा सिटी के 44 आवंटियों ने जीती लड़ाई और अब UPRERA देगा 5.4 करोड़ रुपए
कानुपर में ट्रांस गंगा सिटी के आवंटियों को लेकर ट्रिब्यूनल में लगाई गई उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की 44 आपत्तियां खारिज कर दी गई हैं। अब आवंटियों को ब्याज की राशि 5.4 करोड़ रुपये का भुगतान यूपीरेरा करेगा।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 10 Sep 2022 02:58 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश भू संपदा अपील ट्रिब्यूनल ने तीन अलग-अलग मामलों में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की 44 आपत्तियां खारिज कर दी हैं। भूखंड के आवंटन में देरी करने पर यूपीसीडा को आवंटियों को 5.4 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा। यह धन यूपीरेरा के पास जमा है, जो आवंटियों को दिया जाएगा।
ट्रांसगंगा सिटी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक द्विवेदी के मुताबिक यूपीसीडा ने दो हिस्सों में भूखंडों का आवंटन देने की बात कही थी। यह आवंटन दिसंबर 2016 और मार्च 2017 में होना था, लेकिन आवंटन में लगातार देरी की गई। 2019 में एसोसिएशन ने इस मामले में अपनी लड़ाई शुरू की। एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी (यूपीरेरा) में शिकायत की। यूपीरेरा ने एसोसिएशन के सदस्यों के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद यूपीसीडा इस मामले को लेकर ट्रिब्यूनल में चला गया।
अध्यक्ष दीपक द्विवेदी के मुताबिक यूपीसीडा ने वहां पर 44 अपीलें दाखिल कीं। अब ट्रिब्यूनल ने सभी 44 अपीलें खारिज कर दी हैं। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल के लखनऊ पीठ के चेयरमैन देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने भूखंड पर कब्जा दिए जाने की वास्तविक तिथि तक करीब नौ प्रतिशत की दर से ब्याज देने के निर्देश दिए हैं। दीपक द्विवेदी के मुताबिक 44 सदस्यों की ब्याज की राशि करीब 5.4 करोड़ रुपये है। यह राशि यूपीरेरा के पास जमा है और वह यह राशि सीधे आवंटियों को देगा।
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