Move to Jagran APP

UPSIDA कर रहा हस्तांतरण शुल्क में राहत देने की तैयारी, बोर्ड बैठक में पेश किए जाएंगे प्रस्ताव

हस्तांतरण शुल्क कम करने को लेकर पिछले कई वर्षों से मांग की जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगें इसके लिए अब शुल्क में कमी करने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह भूखंड रद होने के बाद दोबारा शुल्क जमा करना होता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:30 AM (IST)
Hero Image
यूपीसीडा की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन आवंटियों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है। सबसे बड़ी राहत होगी रेस्टोरेशन शुल्क और भूखंडों के हस्तांतरण शुल्क में कटौती। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही होने वाली बोर्ड बैठक में शुल्क कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा सुविधाओं के शुल्क में कटौती और नियमों के सरलीकरण पर प्राधिकरण में मंथन चल रहा है।

यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड लेने वाला व्यक्ति अगर भूखंड बेचता है तो खरीदने वाले को हस्तांतरण शुल्क देना होता है। अगर कोई भूखंड पूर्ण रूप से खाली है तो उस पर भूखंड के वर्तमान दर का 15 फीसद हस्तांतरण शुल्क देय होता है। इसी तरह जिस भूखंड पर कोई इकाई लगी हो और चालू हुई हो उस पर 10 फीसद और जिस भूखंड पर इकाई दो साल तक लगातार चली हो या चल रही हो तो उस पर वर्तमान दर का पांच फीसद हस्तांतरण शुल्क देय होता है। हस्तांतरण शुल्क कम करने को लेकर पिछले कई वर्षों से मांग की जा रही है, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हो सकी। कोरोना संक्रमण काल में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगें इसके लिए अब शुल्क में कमी करने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह भूखंड रद होने के बाद दोबारा उसी भूखंड को लेने के लिए आवंटी को शुल्क जमा करना होता है। यह शुल्क आवंटियों पर भारी पड़ता है। अब इसे भी कम किया जाएगा। प्रबंधन अब यह जांचने में जुटा है कि कौन-कौन से शुल्क कम किए जा सकते हैं और किन नियमों में ढील देकर आवंटियों को राहत पहुंचाई जा सकती है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।