Kanpur News: वैन स्टैंड संचालक की गोली मार हत्या, मुठभेड़ में आरोपित गिरफ्तार
उत्तर-प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अवैध वैनस्टैंड संचालक की कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी और लोगों के सामने आसानी से निकल गया। पुलिस ने सीसी टीवी की मदद से आरोपी की पहचान की और शाम तक उसे पकड़ लिया। इस दौरान वह भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस मुठभेड़ में वह घायल हो गया।
जागरण संवाददाता, कानपुर। नौबस्ता चौराहे के पास रेस्टोरेंट के बाहर शुक्रवार सुबह एक युवक ने अवैध वैन स्टैंड संचालक की कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी। लोगों के सामने आराम से निकल गया। डीसीपी दक्षिण रवीन्द्र कुमार और एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा समेत कई थानों का फोर्स पहुंचा। पुलिस टीम ने सीसी कैमरे जांचे तो रेस्टोरेंट पर लगे सीसी कैमरे में अंगौछा पहना युवक भागते हुए दिखा।
पुलिस ने फुटेज की मदद से शाम को बिधनू से आरोपित को दबोचा। प्रयुक्त तमंचा बरामद के लिए वह यशोदा नगर सिमरा गांव के जंगल ले गया, जहां वह वर्षा और अंधेरे का फायदा उठाकर भागा और झाड़ियों में छिपा रखे तमंचे से पुलिस पर फायर कर दिया। जवाबी हमले में पुलिस की गोली आरोपित के पैर में लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मूलरूप से साढ़ के कुढ़नी गाजीपुर गांव निवासी 55 वर्षीय हरिकरन सिंह पिछले कई वर्षों से पत्नी रेनू सिंह, बेटे अमित सिंह, दो बेटियां सोनल और मोना के साथ हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के ताज नगर में रह रहे थे। अमित और उनकी पत्नी रेशु प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। जबकि हरिकरन 20 वर्षों से नौबस्ता चौराहे पर अवैध स्टैंड संचालित करता था।
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पहले पिकअप अब वह वैन चालकों से रुपये वसूलता था। अमित ने बताया, शुक्रवार सुबह स्कूल जाने से पहले उसने पिता को नौबस्ता चौराहे पर छोड़ा था। वह आधे रास्ते ही पहुंचा था कि फोन पर पिता को गोली मारने की जानकारी मिली। लोग उन्हें एलएलआर अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डीसीपी दक्षिण, एडीसीपी, एसीपी घाटमपुर, नौबस्ता, गुजैनी, किदवई नगर समेत कई थानों का फोर्स और फोरेंसिक टीम भी पहुंची। पुलिस ने रेस्टोरेंट में लगे सीसी कैमरों को जांचा तो दुकान के आगे शेड होने से गोली मारते फुटेज नहीं दिखे, लेकिन एक युवक अंगौछे से तमंचा छिपाकर भागता जरूर दिखा।
नौबस्ता थाना प्रभारी जगदीश ने फुटेज के आधार पर हत्यारोपित की पहचान रेउना के दहेली गांव निवासी सौरभ सचान के रूप में हुई। उसकी वैन का नंबर मिला जिसके आधार पर मोबाइल नंबर आया। जिसकी लोकेशन पर पहुंचकर उसे दबोच िलया गया।
आला कत्ल बरामदगी के लिए उनकी टीम गुजैनी थाना प्रभारी विनय तिवारी टीम के साथ सिमरा गांव पहुंचे। जहां वर्षा और अंधेरे का फायदा उठाकर भागा और छिपाए स्थान से तमंचा निकालकर पुलिस पर फायर झोंक दिया। जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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इंसानियत तोड़ गई दम, पुलिसकर्मी भी नहीं आए आगे
दक्षिण में नौबस्ता सबसे व्यस्त चौराहा है, जहां 24 घंटे पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है। दिन-रात वाहन चलते हैं। यहां तक 100 मीटर से कम दूरी पर उस्मानपुर चौकी भी है, लेकिन गोली लगने के बाद जमीन पर पड़े वैन स्टैंड संचालक को अस्पताल पहुंचाने के लिए पहले कोई आगे नहीं बढ़ा। न एंबुलेंस आई और न ही पुलिस अपनी गाड़ी लेकर पहुंची।
मजबूरन आसपास के लोगों को ई-रिक्शा पर सिर पर कपड़ा बांधकर घायल को अस्पताल ले जाना पड़ा। इंटरनेट मीडिया पर यह वीडियो प्रचलित हुआ तो लोगों ने कहा कि इंसानियत ने दम तोड़ दिया है। नौबस्ता चौराहे के पास रेस्टोरेंट के बाहर खंभों की आड़ में ठेले पर केला बेचने वाले सुभाष वारदात के चश्मदीद हैं।
उन्होंने बताया कि सुबह उनकी दुकान पर स्टैंड संचालक हरिकरन सिंह से नमस्कार हुई थी। वहीं बैठकर हरिकरन अखबार पढ़ रहे थे। तभी गोली की आवाज आई तो उनकी नजर हरिकरन पर पड़ी तो सिर से खून निकल रहा था। वह उनकी तरफ आ ही रहे थे, लेकिन पांच कदम चलते ही गिर पड़े।
उनकी बाईं कनपटी पर गोली मारी गई थी। गोली मारने वाला युवक अंगौछे से तमंचा छिपाकर भागा, लेकिन वह पहचान नहीं पाए। इस दौरान सवारियों के इंतजार में खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने मदद की गुहार भी लगाई।
वहीं, आसपास के लोगों ने यह भी बताया कि घटनास्थल से मात्र 20 कदम की दूरी पर दो होमगार्ड और 50 कदम की दूरी पर चौराहे पर कई यातायात पुलिसकर्मी व होमगार्ड तैनात थे। नौबस्ता चौराहे पर कई वाहन निकलते रहे, लेकिन कोई भी हरिकरन को अस्पताल पहुंचाने आगे नहीं आया। दो-तीन लोगों ने घायल के सिर से बह रहे खून पर कपड़ा बांधकर ई-रिक्शा से अस्पताल ले गए। पुलिसकर्मियों ने चौराहे तक को खाली कराने प्रयास तक नहीं किया।
दो माह पहले एक युवक से विवाद का थाने पहुंचा था मामला
नौबस्ता चौराहे पर एक चालक ने बताया कि हरिकरन चालकों से गाड़ी चौराहे पर लगाने हजार रुपये लेते थे। इसके बाद प्रतिदिन 50 रुपये टोकन लेते थे। करीब दो माह पहले एक वैन चालक से रुपये को लेकर उनका विवाद और मारपीट हुई थी। दोनों पक्ष थाने पहुंचे, लेकिन बाद में हरिकरन बिना तहरीर दिए लौट गए थे।
सादे कपड़ों में पुलिस टीम ने लोगों से जुटाई जानकारी
घटना के बाद पुलिस की टीम सादे कपड़ों में रेस्टोरेंट संचालक, कर्मचारी, केले वाला, होमगार्ड, यातायात सिपाही, आटो-टेंपो, ई-रिक्शा, वैन चालक और पास के ठेले वालों से घटना की जानकारी लेकर उनके बयान भी दर्ज किए।