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विकास दुबे की मूर्ति लगवाने का बयान देने वाले ब्राह्मण महासभा के नेता का विरोध, पुलिस कमिश्नर कराएंगे जांच

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने चौबेपुर में दिया था विकास दुबे की प्रतिमा लगवाने वाला बयान। अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 04 Aug 2021 05:37 PM (IST)
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अपराधियों का महिमामंडन करने पर जताया रोष।
कानपुर, जेएनएन। यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जातिगत राजनीति का दौर शुरू हो गया है। कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में वांछित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब चुनावी हवा दी जाने लगी है। बीते दिनों विकास दुबे की प्रतिमा लगाने का एलान करने वाले अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का विरोध शुरू हो गया है। उनके बयान को कुछ अधिवक्ताओं ने रोष जताया है और पुलिस आयुक्त से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

कानपुर नगर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गिरोह से मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने गिरोह में शामिल रहे छह सदस्यों को एनकाउंटर में मार दिया था। इसमें गिरोह में शामिल बिकरू गांव के बाहर अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडे, हमीरपुर में विकास के खास गुर्गे अमर दुबे, इटावा में बउआ दुबे और पनकी क्षेत्र में प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर किया गया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में पकड़े गए विकास दुबे को कानपुर लाते समय सचेंडी के पास पुलिस वाहन पलट गया था। इसपर वाहन से कूदकर भागते समय विकास दुबे काे पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था। इसके बाद कुछ संगठनों ने पुलिस के एनकाउंटर को लेकर आपत्ति की थी। घटना के एक साल बाद अब राजनीतक रंग देना शुरू कर दिया गया है।

चौबेपुर में 27 जुलाई को आयोजित ब्राह्मण महासम्मेलन में ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी बतौर मुख्य अथिति आमंत्रित थे। कार्यक्रम के संबाेधन में उन्होंने यूपी की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया था। उन्होंने मंच से खुलेआम विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमा लगवाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि जब डकैत फूलनदेवी की प्रतिमा लग सकती हैं तो फिर विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमा क्यों नहीं लगाई सकती हैं। उन्होंने दोनों अपराधियों को ब्राह्मणों की शान बताते हुए महिमा मंडन किया था और कहा था कि मैं प्रतिमा लगवाऊंगा। उन्होंने भगवान श्री परशुराम का भव्य मंदिर बनवाने का भी आश्वासन दिया था।

बयान के विरोध पर उतरे अधिवक्ता

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी के बयान को लेकर अब विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को कुछ अधिवक्ताओं ने पुलिस आयुक्त असीम अरुण से मुलाकात की और ज्ञापन भी दिया है। ज्ञापन में कहा है कि विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला अपराधी थे और दोनों का महिमामंडन करने से समाज में गलत संदेश प्रसारित हो रहा है। किसी भी अपराधी को महापुरुष नहीं बताया जा सकता है, अपराधी की कोई जाति या धर्म नहीं होता है। युवा पीढ़ी में इसका गलत असर पड़ेगा और अराजकता का माहौल बन सकता है। इस तरह के बयान देना सही नहीं है, इसलिए अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिये। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि अधिवक्ताओं के प्रतिनिधमंडल की शिकायत मिली है, मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर पुलिस प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई करेगी।

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