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Bikru Kand Latest Update: अमर दुबे की पत्नी के सामने चुप खड़े रहे वादी इंस्पेक्टर, नहीं मिला सके नजरें

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को विकास दुबे गैंग के हमले में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। पुलिस ने विकास दुबे के गुर्गे अमर दुबे को एनकाउंटर में मारने के बाद उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 11:54 AM (IST)
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किशोर न्याय बोर्ड में अमर दुबे की पत्नी व वादी इंस्पेक्टर के बयान दर्ज किए गए।
कानपुर देहात, जेएनएन। बिकरू कांड में आरोपित अमर दुबे की पत्नी की फर्जी दस्तावेज लगा सिम लेने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड में पेशी हुई तो सामने पड़े वादी इंस्पेक्टर चुप खड़े रहे। उससे नजरें मिलाने की हिम्मत तक नहीं जुटा सके। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने जब वादी इंस्पेक्टर से मामले में प्रश्न पूछने शुरू किए तो वह अपने ही जवाबों में उलझते रहे। गोलमाेल जवाब देकर अपनी बात की पुष्टि करते नजर आए। नाबालिग के नाम सिम कैसे जारी होने और बालिग जैसा व्यवहार करने के प्रश्न पर जवाब नहीं दे सके। आरोपित व विवेचक के बयान दर्ज कर किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई के लिए आगामी तिथि 23 सितंबर नियत की है।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायरिंग कर दी थी। घटना में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। घटना सुर्खियों में आने के बाद सक्रिय हुई एसटीएफ और पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत गैंग के सात अपराधियों को एनकाउंटर में मार दिया था। इसमें विकास दुबे के खास गुर्गा अमर दुबे भी हमीरपुर में एनकाउंटर में मारा गया था। घटना के तीन दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी और चौबेपुर थाना पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तर करके साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया था। इसके अलावा फर्जी दस्तावेज से मोबाइल सिम लेने का भा मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्ण माेहन राय वादी हैं। कोर्ट में सुनवाई के बाद उसे नाबालिग घोषित किए जाने पर बाराबंकी राजकीय संप्रेक्षण गृह भेजा गया था और मामला किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया गया था। अमर दुबे की पत्नी की सुनवाई अब किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है और सोमवार को सोमवार को किशोर न्याय बोर्ड में उसकी और वादी की पेशी हुई और बयान दर्ज किए गए।

अमर दुबे की पत्नी को प्रधान न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बचाव पक्ष ने एसआइटी रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज होने व पत्रावली में एसआईटी रिपोर्ट न होने की दलील दी। वहीं विवेचक कृष्ण मोहन राय से आरोपित के नाबालिग होने के बाद भी बालिग जैसा व्यवहार करने का कारण पूछा, जिस पर वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके। कोर्ट में मौजूद रहे प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सवाल पूछे जाने के दौरान आरोपित अमर दुबे की पत्नी से वादी इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय नजरें नहीं मिला सके और शांत खड़े रहे। दरअसल, इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय ने ही अमर दुबे की पत्नी को गिरफ्तार करके मुकदम दर्ज किया था।

करीब दो घंटे चली बहस के दौरान बचाव पक्ष की ओर से कई तर्क दिए गए और विवेचक से सवाल किए गए, जिस पर वह अधिकांश प्रश्नों के जवाब नहीं दे सके। बोर्ड ने बचावपक्ष व चौबेपुर थाने के विवेचक कृष्ण मोहन राय का बयान दर्ज किया। बचावपक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि न्यायालय में विवेचक व आरोपित के बयान दर्ज किए गए हैं और सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तिथि नियतकी गई है।

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