Kanpur News: तस्करी का आरोप लगा महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 90 लाख; छह माह बाद FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में रखकर 90 लाख रुपये ठग लिए। महिला को तस्करी के आरोप में फंसाने की धमकी दी गई और उन्हें घर में ही रहने के लिए कहा गया। पीड़िता ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की तब जाकर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है। तस्करों के गिरोह में शामिल होने का आरोप लगाकर साइबर ठगों ने महिला को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और परिवार से 90 लाख रुपये ठग लिए।
मामला छह माह पुराना है, लेकिन पुलिस ने मुकदमा मंगलवार को दर्ज किया है। इस संबंध में पीड़िता से बात करने की कोशिश की गई तो उनके आवास में ताला बंद मिला। बिठूर के रुद्र ग्रीन अपार्टमेंट में रहने वाली मीना चावला की तहरीर के अनुसार 17 मई को उनके मोबाइल फोन पर स्काइप आइडी पर काल आई। फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली साइबर क्राइम का अधिकारी बताया।
धमकाते हुए उसने कहा कि उनके खिलाफ तस्करी का केस दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है। ईडी भी जांच कर रही है। अपनी बात साबित करने के लिए उनके पास कूटरचित समन भी भेजा। उनके डर का लाभ उठाते हुए साइबर ठग ने कार्रवाई के नाम पर 15 अलग-अलग नंबरों से उनके दोनों मोबाइल नंबर पर 17, 18 और 19 मई को लगातार काल की। इस दौरान डिजिटल अरेस्ट बताकर घर में ही रहने के लिए कहा गया।
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जागरण
साइबर ठग ने मुकदमे से बचाने के नाम पर उनसे अलग-अलग खातों से आनलाइन 90 लाख रुपये एक खाते ट्रांसफर करवाए। जब ठगी का अंदेशा हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंचीं, मगर सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस आयुक्त सहित कई बड़े अधिकारियों से घटना के बारे में बताया तब जाकर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। साइबर सेल प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है। डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रविधान नहीं : पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कानूनी तौर पर डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रविधान नहीं है। यह शब्द साइबर अपराधियों ने ही गढ़ा है। इसमें साइबर ठग पीड़ित को डराकर, लालच या किसी दूसरे बहाने से वीडियो या आडियो काल पर लगातार जोड़े रखते हैं। उन्हें यह डर दिखाते हैं कि पुलिस उन पर नजर रख रही है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि पीड़ित रकम नहीं दे देता। डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर कर्मी से 5.70 लाख रुपये ठगेप्रयागराज में साइबर अपराधियों ने अब राज्य कर विभाग से रिटायर कर्मचारी विनोद विहारी वर्मा से 5.70 से ठग लिया। इससे परेशान पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है। शंकरगढ़ के हज्जी टोला निवासी विनोद बिहारी ने पुलिस को बताया कि 20 दिन पहले उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आई। बताया कि उनका बड़ा बेटा उनके पास है। पूछने पर कालर ने खुद को डीएसपी बताया। फिर कहा कि उनके बेटे का मोबाइल उनके पास है। बेटा दुष्कर्म के मामले में फंस गया है। किसी लड़के से बात कराई तो रोने की आवाज आई। लड़के ने यह भी कहा कि पापा बचा लीजिए। बेटे जैसी आवाज लगी तो वह परेशान हो गए।इसे भी पढ़ें-दीवाली-छठ पूजा में घर आने के लिए नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट, यहां खाली चल रहीं पूजा स्पेशल; जल्दी करें बुक कुछ समझ भी नहीं पा रहे थे। करीब छह घंटे तक विनोद को डिजिटल अरेस्ट रखा गया और अलग-अलग एकाउंट से पांच लाख 70 हजार रुपये ले लिए गए। बाद में बेटे से बातचीत हुई तो साइबर ठगी का पता चला। घटना से परेशान होकर विनोद ने समाजसेवी राशिद सगीर को बताया। इसके बाद उनके साथ पुलिस थाने और अधिकारियों के पास पहुंचकर शिकायत दी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।साइबर ठग ने मुकदमे से बचाने के नाम पर उनसे अलग-अलग खातों से आनलाइन 90 लाख रुपये एक खाते ट्रांसफर करवाए। जब ठगी का अंदेशा हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंचीं, मगर सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस आयुक्त सहित कई बड़े अधिकारियों से घटना के बारे में बताया तब जाकर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। साइबर सेल प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है। डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रविधान नहीं : पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कानूनी तौर पर डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रविधान नहीं है। यह शब्द साइबर अपराधियों ने ही गढ़ा है। इसमें साइबर ठग पीड़ित को डराकर, लालच या किसी दूसरे बहाने से वीडियो या आडियो काल पर लगातार जोड़े रखते हैं। उन्हें यह डर दिखाते हैं कि पुलिस उन पर नजर रख रही है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि पीड़ित रकम नहीं दे देता। डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर कर्मी से 5.70 लाख रुपये ठगेप्रयागराज में साइबर अपराधियों ने अब राज्य कर विभाग से रिटायर कर्मचारी विनोद विहारी वर्मा से 5.70 से ठग लिया। इससे परेशान पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है। शंकरगढ़ के हज्जी टोला निवासी विनोद बिहारी ने पुलिस को बताया कि 20 दिन पहले उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आई। बताया कि उनका बड़ा बेटा उनके पास है। पूछने पर कालर ने खुद को डीएसपी बताया। फिर कहा कि उनके बेटे का मोबाइल उनके पास है। बेटा दुष्कर्म के मामले में फंस गया है। किसी लड़के से बात कराई तो रोने की आवाज आई। लड़के ने यह भी कहा कि पापा बचा लीजिए। बेटे जैसी आवाज लगी तो वह परेशान हो गए।इसे भी पढ़ें-दीवाली-छठ पूजा में घर आने के लिए नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट, यहां खाली चल रहीं पूजा स्पेशल; जल्दी करें बुक कुछ समझ भी नहीं पा रहे थे। करीब छह घंटे तक विनोद को डिजिटल अरेस्ट रखा गया और अलग-अलग एकाउंट से पांच लाख 70 हजार रुपये ले लिए गए। बाद में बेटे से बातचीत हुई तो साइबर ठगी का पता चला। घटना से परेशान होकर विनोद ने समाजसेवी राशिद सगीर को बताया। इसके बाद उनके साथ पुलिस थाने और अधिकारियों के पास पहुंचकर शिकायत दी।