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Yamuna River Flood: बांदा के ये गांव बाढ़ के पानी से बन गए टापू, आवागमन पूरी तरह से ठप

क्षेत्र का औदहा गांव बाढ़ के पानी से टापू बन गया है। साथ ही रवाय नदी के रपटे के ऊपर से कई फुट पानी बहने की वजह से आवागमन ठप है। नाला में भी उफान में आ जाने का पुरवा के लोग नाव के सहारे आ-जा रहे हैं।

By Akash DwivediEdited By: Updated: Sat, 07 Aug 2021 06:08 PM (IST)
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सैमरीडेरा निवासी गिरधारी निषाद सिर पर दूध का डिब्बा रख बेचने के लिए जाते हुए

बांदा, जेएनएन। यमुना नदी में बाढ़ के चलते सहायक नदियां भी उफान पर हैं। जिसमें रवाय बागै मंदाकिनी सहित बाढ़ का पानी आज आने तटवर्ती गांव में जहां तमाम गांव टापू बन गए हैं। वही नदियों में बने रपटा डूब जाने के कारण आवागमन ठप हो गया है।

क्षेत्र का औदहा गांव बाढ़ के पानी से टापू बन गया है। साथ ही रवाय नदी के रपटे के ऊपर से कई फुट पानी बहने की वजह से आवागमन ठप है। नाला में भी उफान में आ जाने का पुरवा के लोग नाव के सहारे आ-जा रहे हैं। वही पूर्व माध्यमिक विद्यालय के चारो ओर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। स्कूल का संपर्क भी कट गया है। प्रधान प्रतिनिधि राकेश यादव ने बताया है कि गांव टापू बन गया है। औदहा से खेरा कमासिन मार्ग जलमग्न हो जाने के कारण आवागमन एकदम बंद है। अब कमासिन ब्लाक आने के लिए वाया मरका होकर करीब 20 किलोमीटर का चक्कर काटना पड रहा है। वहीं रवाय नदी के किनारे खेरा खदान अमेढ़ी, लखनपुर, अछरील, इटरा आदि गांव में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।

यदि यमुना नदी में इसी तेजी से बाढ़ का पानी बढता रहा तो मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। इसी तरह कमासिन क्षेत्र के इटर्रा गांव में बागे नदी के बाढ़ के पानी से नाले उफान पर हैं। गांव के बाहर नाले के उफान से आवागमन ठप है। जिससे लोग गांव जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। यमुना, केन व चंद्रायल नदियों का जलस्तर बढऩे से सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गए। कई रास्तों से आवगमन बाधित हो गया है। तारा गांव के दिलीप कुमार का कहना है कि यदि इसी तरह से पानी आता रहा तो हाईवे कल सुबह तक बंद हो जाएगा। पानी ऊपर से बहने पर दोहतरा से आवगमन बंद कर दिया जाता है। चिल्ला गांव में सब्जियों का खेत यमुना के पानी से भरा हुआ है, करीब दस बीघा सब्जी का खेत डूब गया।