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जिला अस्पताल में उमड़ी मरीजों की भीड़

जागरण संवाददाता कानपुर देहात बारिश के मौसम में संक्रामक व जलजनित बीमारियों ने पांव पसा

By JagranEdited By: Updated: Tue, 23 Jul 2019 06:19 AM (IST)
जिला अस्पताल में उमड़ी मरीजों की भीड़
जिला अस्पताल में उमड़ी मरीजों की भीड़

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बारिश के मौसम में संक्रामक व जलजनित बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। बीमारियों का कारण बन रहा है प्रदूषित जल व खाद्य पदार्थ। वर्षा ऋतु में पेयजल दूषित हो जाता है। इसका सेवन करने वाले जल जनित पीलिया, डायरिया, टायफाइड व मच्छर जनित मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों की चपेट में लोग आने लगे हैं।

रविवार को अवकाश के बाद सोमवार को अकबरपुर जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों का तांता लगा रहा है। हालत यह थी कि दोपहर 12 बजे तक ओपीडी में पंजीकरण कराने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी रही। घंटों की मशक्कत के बाद लोग पंजीकरण करा सके। इसी तरह के हालात ओपीडी में रहे। मरीजों की सबसे अधिक भीड़ बाल रोग, जनरल फिजीशियन, आंख-कान व गला रोग विशेषज्ञ में रही। यहां भी मरीजों की लाइन लगी रही। पंजीकरण, चिकित्सक कक्ष में जद्दोजहद के बाद दवा लेने में भी लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। ऐसे में पूरे दिन उमस भरी गर्मी मरीजों और उनके तीमारदारों को और भी बेहाल करती रही।

दस्त दूसरी बड़ी जानलेवा बीमारी

जिला अस्पताल पुरुष के प्रभारी सीएमएस डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि गर्मी व बारिश के मौसम में विभिन्न रोगों के जीवाणु ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। दस्त पांच साल से कम उम्र के बच्चों की दूसरी बड़ी जानलेवा बीमारी है। दस्त में राहत न मिलने, खून आने, तेज बुखार, पेट दर्द होने, लगातार उल्टी होने पर मरीज को पर्याप्त मात्रा में ओआरएस का घोल दें, चावल का पानी, दाल का पानी, छाछ या मट्ठा भी दे सकते हैं। बच्चे को मां का दूध पिलाते रहें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

डेंगू से रहें सावधान

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. महेंद्र जतारया बताते हैं कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा घातक डेंगू मच्छर होता है। इन्हें पनपने से रोकने के लिए घर में कूलर, बाल्टी, घड़े के पानी को सप्ताह में दो बार अवश्य बदलते रहें। जहां पानी एकत्र हो उसमें मिट्टी भर दें, यदि मिट्टी डालना संभव न हो तो उस गड्ढे के पानी में कुछ मिट्टी का तेल या डीजल छोड़ दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरी आस्तीन की कमीज तथा मोजे आदि का प्रयोग करें।