Flood Alert: कानपुर देहात में यमुना उफान पर, बाढ़ की चपेट में आए 30 गांव, नाव से निकाले जा रहे लोग
Uttar Pradesh Flood Alert कानपुर देहात में यमुना नदी उफान पर हैं। बाढ़ की चपेट में 30 गांव आ चुके हैं। सात गांव के किनारे पानी पहुंचा। राजपुर के कुछ गांव में व्यवस्था नाकाफी होने से ग्रामीण परेशान हैं। अधिक नाव चलाने की मांग की जा रही है। खतरे के निशान के चार मीटर ऊपर यमुना बह रही।
जागरण टीम, कानपुर देहात। Uttar Pradesh Flood Alert: यमुना का पानी खतरे के निशान के चार मीटर ऊपर बह रहा है।बाढ़ की चपेट में मूसानगर, भोगनीपुर व राजपुर के 30 गांव आ गए हैं वहीं सात गांव के किनारे तक पानी बाढ़ की चपेट में आ गए है। सात गांव पानी से घिर गए हैं जहां कभी भी पानी अंदर आबादी में आ सकता है। राजपुर के कुछ गांवों में राहत सामग्री की कमी होने के साथ ही नाव का संचालन कम है। इससे यहां पर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं सुरक्षित स्थानों पर लोग शरण ले रहे हैं। वहीं, कुछ घर की छत पर इंतजार कर रहे कि पानी शायद कम हो जाए।खेतों में जहां फसल बर्बाद हो गई है वहीं मवेशियों के लिए चारे का संकट आ खड़ा है।लोगों को लंच पैकेट तो मिल जा रहा पर मवेशियों के लिए समस्या है।
बाढ़ नियंत्रण केंद्र कालपी के सौरभ यादव ने बताया कि यमुना में शुक्रवार को सुबह जलस्तर 111.54 मीटर पर था, जो लगातार बढ़ता हुआ शाम को 7 बजे 112.02 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 108 मीटर पर है। वहीं मूसानगर में यमुना के चलते सेंगुर में भी उफान आया हुआ है।मुगल रोड से नगीना बांगर व मूसरिया गांव को गई सड़क कई जगह जलमग्न हो गई है अब आवागमन यहां भी नाव से होने लगा है। नयापुरवा गांव के आसपास पानी भर गया है और गांव टापू में तब्दील हो गया है, यहां एक दर्जन के आसपास घरों में पानी भर गया है।
हरदौली में नाव न होने पर पीवीसी पाइपों का बंडल बनाकर जाते लोग। जागरण
हजारीलाल निषाद, रामकरण, राजन, विहार आदि का काफी नुकसान गृहस्थी का हो गया है। लोग छतों पर सामान रखकर बाढ़ घटने का इंतजार कर रहे हैं वहीं कुछ लोग ऊंचाइयों पर मवेशी लेकर पहुंच गए हैं। चपरघटा व क्योंटरा बांगर तो पहले से ही टापू में तब्दील थे। मूसरिया में निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष सोनेलाल का घर डूबा पड़ा है, जिलाध्यक्ष ने स्वजन संग घर से सामान निकाला और सुरक्षित किया।
टिंयोगा गांव में बाढ़ के पानी से घिरे मकान। जागरण
वहीं बनवारी, सियाराम, सूखीलाल, दिनेश, शैलेंद्र, विशंभर, रंजीत, प्रहलाद, श्यामबाबू व रामबाबू आदि दो दर्जन घरों में पानी या तो भर गया है या उनके दरवाजे भरा हैं। आढन पथार व पड़ाव मार्ग पूरी तरह से पहले से ही जलमग्न चल रहे।वहीं कुंभापुर, रसूलपुर, कृपालपुर आदि गांव भी सेंगुर नदी के चपेट में हैं।यमुना नदी के किनारे बसें चंदनपुर की भी हालत है यहां थोड़े ही लोग रहते हैं लेकिन सारे घरों के सामने पानी भरा हुआ है।
गड़ाथा गांव में निरीक्षण करते जिलाधिकारी, सीएमओ, एसीपी व अन्य अधिकारी। जागरण
टिंयोगा, रमपुरा, क्योंटरा, जरी, खरका, दिबैर की मड़ैया यह गांव बाढ़ के बढ़ते घिर गए हैं। इन गांव के लोगों का मुख्य मार्ग से मुगल रोड तक संपर्क टूट गया है।किसी तरह मवेशियों व बच्चों को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं लेकिन राहत एवं बचाव नाकाफी हैं। कुछ समाजसेवियों द्वारा दी जा रही लंच पैकेट की सहायता के सहारे चल रहे। टिंयोगा निवासी पूर्व प्रधान राजेश निषाद, क्योंटरा निवासी रघुनंदन निषाद व रामू निषाद आदि ने बताया कि गांव में बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है लेकिन राहत बचाव कार्य के लिए कोई अब तक प्रशासनिक व्यवस्था नहीं हुई है।
ऊंचे टीले पर जाने के लिए खाने पीने की सामग्री व्यवस्था की तो बात दूर है। भरे पानी के अंदर निकलने के लिए नाव बेहद कम है। वहीं, राजपुर ब्लाक के यमुना तटवर्ती ग्राम गौहानी बांगर, वछाटी, जैसलपुर महादेवा, बेहमई व बैजामऊ आदि गांव पानी से घिर गए हैं। यहां पर सुरक्षित स्थान पर लोग जाने को मजबूर हैं और गृहस्थी का नुकसान हुआ है। गौहानी बांगर को छोड़कर किसी भी इन बाढ़ प्रभावित गांवों में पन्नी, तिरपाल एवं लंच पैकेट की व्यवस्था नहीं हुई है। राज्य मंत्री अजीत पाल ने गौहानी बांगर गांव पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मिलकर जायजा लिया।
35 बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को बाल्टी, डिब्बा, पन्नी, तिरपाल, लोइया, सूखा चना, दाल, आटा व आलू आदि सामान दिए। एसडीएम भोगनीपुर देवेंद्र सिंह तहसीदार प्रिया सिंह, नायबतहसीलदार सूर्यप्रकाश व अभिनय चतुर्वेदी, राजस्व कर्मचारियों के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। राजपुर क्षेत्र में एसडीएम शालिनी उत्तम, जितेंद्र शुक्ला, रोजगार सेवक संदीप त्रिपाठी ने राहत सामग्री बांटी।
इन गांव में अधिक समस्या
दिबैर, टिंयोगा, क्योंटरा, खरका,जरी, खरतला कटरी, खरतला बांगर, रसूलपुर भलार,नगवा कछार, नगवां बांगर, सलारपुर,देवराहट उत्तर,क्योंटरा बांगर, क्योंटरा कटरी, हलिया, चपरघटा,चपरेहटा, कृपालपुर, भरतौली, रसूलपुर भुरंडा, नगीनाबांगर, अहरौली घाट बांगर, बम्हरौली घाट बांगर,नगसिया व सिहारी आदि गांव बाढ़ की चपेट मे आ गएहै। चपरघटा, रसूलपुर भुरंडा, देवराहट, डिलौलिया बांगर,क्योंटरा, रमपुरा, सलारपुर, रसूलपुर भलार आदि गांवके घर पानी से घिर जाने के कारण इन गांवों में ग्रामीण नावों का सहारा ले रहे हैं। इन गांवो के आसपास खेतों में पानी भर जाने से खड़ी फसले जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा है।
बाढ़ पीड़ितों को बांटी गई राहत सामग्री
भोगनीपुर क्षेत्र मेंबाढ़ प्रभावित गांवों के पीड़ितों को सहायता करने केलिए प्रशासन की ओर से लंच पैकेट बांटे जाने के साथही शाम को टिंयोगा, क्योटरा गांव शासन की ओर से भेजी गई राहत सामग्री का वितरण किया गया है। एसडीएम देवेन्द्र सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवपथार, आढ़न, क्योंटरा बांगर, व क्योंटरा ,देवराहट में बाढ़ प्रभावित लोगों को लंच पैकेट वितरितकिए गए है। वहीं शाम को टिंयोगा व क्योंटरा गांव मेंशासन की ओर से भेजी गई राहत सामग्री वितरित की गई है। राहत सामग्री में आटा, दाल, चावल, तेल,नमक, बाल्टी, मसाले, लईया, आलू आदि शामिल है।राहत सामग्री वितरण के दौरान कैबिनेट मंत्री राकेशसचान के प्रतिनिधि अशोक सचान व भाजपा नेता रवि यादव मौजूद रहे।
बाढ़ प्रभावित लोगों को युवाओं ने बांटा लंच पैकेट
युवाओं ने पहल करते हुए बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को लंच पैकेट बांटा। बाढ़ से परेशान ग्रामीण और बच्चे खाना पाकर प्रसन्न हो गए। पैकेट बांटने वालों में मो. आरिफ (ठेकेदार), विमल मिश्रा, आमिर खान आदि लोग शामिल रहे।
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