Move to Jagran APP

1857 के क्रांतिकारियों की शहादत को याद दिलाता सबलपुर का शहीद स्मारक

1857 के क्रांतिकारियों की शहादत को याद दिलाता सबलपुर का शहीद स्मारक

By JagranEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 04:00 AM (IST)
Hero Image
1857 के क्रांतिकारियों की शहादत को याद दिलाता सबलपुर का शहीद स्मारक

1857 के क्रांतिकारियों की शहादत को याद दिलाता सबलपुर का शहीद स्मारक

संवाद सहयोगी, झींझक (कानपुर देहात) : वर्ष 1857 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा लेते हुए क्रांतिक्रारियों ने विद्रोह कर दिया था। अंग्रेजी सेना ने 13 क्रांतिकारियों को पकड़ लिया था, जिसके बाद उन्हें सबलपुर गांव में नीम के पेड़ से फांसी पर लटका दिया गया था। गांव में उनकी याद में बना शहीद स्मारक आज भी उनकी याद दिलाता है। अब आजादी के अमृत महोत्सव के तहत साफ-सफाई का कार्य शुरू किया गया है।

मई 1857 में अंग्रेजी हुकूमत के शोषण व अत्याचार के खिलाफ लामबंद हुए क्रांतिकारियों ने अंग्रेज अफसर कालिन कैपवेल की सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने बदले की भावना से सबलपुर के उमराव सिंह, देवचंद्र, रत्ना राजपूत, भानू राजपूत, परमू राजपूत, केशव चंद्र, धर्मा, रमन राठौर, चंदन राजपूत, बल्देव राजपूत, खुमान सिंह, करन सिंह व झींझक के बाबू उर्फ खिलाड़ी नट को अंग्रेजी सेना ने पकड़ लिया था। इसके बाद गांव के किनारे नीम के पेड़ से लटकाकर फांसी दी थी। मौजूदा समय में वह नीम का पेड़ तो नहीं रहा, लेकिन चबूतरे में ग्रामीणों ने दूसरा नीम का पेड़ लगाया था, वह बड़ा हो रहा है। गांव में बना शहीद स्मारक अभी भी क्रांतिकारियों की कुर्बानी की याद दिलाता है। वर्ष 2003 में शहीद स्मारक स्थल का सुंदरीकरण कराया गया था। इसके बाद यहां परिसर में इंटरलाकिंग बिछाई गई थी। वर्षा के कारण रंगरोगन खराब हो गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 15 अगस्त को ध्वजारोहण के साथ आयोजित होने वाले कार्यक्रम को देखते हुए स्मारक स्थल पर सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार व सचिव अनुराग त्रिवेदी ने बताया कि शीघ्र शहीद स्मारक की दीवारों को तिरंगा रंग से रोगन किया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।