कृष्ण की भक्ति में लीन हो बनवाया था राजस्थान शैली का मंदिर
रसूलाबाद कहिंजरी के भीखदेव बाजार
By JagranEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:52 PM (IST)
कृष्ण की भक्ति में लीन हो बनवाया था राजस्थान शैली का मंदिर
जासं, कानपुर देहात : रसूलाबाद-कहिंजरी के भीखदेव बाजार में करीब 160 वर्ष पूर्व राजे रजवाड़ों की शानोशौकत के अनुरूप बने राधाकृष्ण मंदिर में भक्तों की विशेष आस्था है। यहां आसपास के अलावा दूसरे जिले से भी लोग दर्शन करने को आते हैं। मंदिर की दीवारों पर बनी आकर्षक कलाकृति जहां अपने आप में लुभाती है वहीं वामन डोला व भगवान की नौका जल विहार देखने लोग जुटते हैं।राधाकृष्ण का मंदिर सेठ राम नारायण ने बनवाया था। मंदिर की दीवारों पर मोर, हाथी समेत अन्य कलाकृति बहुत सुंदर है। इसके अलावा राजस्थान शैली का यह मंदिर लगता है क्योंकि इस तरह के मंदिर वहां पर हैं। लोगों का मानना है कि जिस समय निर्माण हुआ उसमें सेठ रामनारायण ने काफी धन खर्च कर अपना सर्वस्व भगवान की भक्ति में न्योछावर कर दिया। यहां के बुजुर्ग प्रताप नारायण दीक्षित ने बताया कि मनइया सेठ के मंदिर के नाम से मशहूर राधा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी को संगीत एवं लीला का विशेष आयोजन होता था। एक पखवारे तक चलने वाले इस आयोजन में लोग दूर-दूर से भगवान के दर्शन करने आते थे। इसे सेठ राम नारायण ने बनवाया था, बाद में उनके पुत्र लक्ष्मीनारायण ने उसकी देखरेख की। मौजूदा समय में सुब्रत गुप्ता इसकी देखरेख कर रहे हैं। सुब्रत गुप्ता ने बताया कि मंदिर की मूर्ति का चित्र आज तक किसी ने कैमरे या मोबाइल से कभी नहीं लिया है। यह यहां की पुराना नियम रहा है। जन्माष्टमी पर भजन कीर्तन के अलावा वामन द्वादशी को विशेष कार्यक्रम होता है। इसमें भगवान वामन का डोला उठता है और राम तलैया में जाकर वह नौका से जल विहार करते हैं। तीन दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम कोरोना काल के चलते इधर बीच नहीं हुआ, लेकिन इस बार यह संपन्न होगा।
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