Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रसूलाबाद में कुर्सी और प्रस्तावों को लेकर हुई नोकझोंक, विधायक ने बैठक का किया बहिष्कार

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:48 PM (IST)

    रसूलाबाद नगर पंचायत की बोर्ड बैठक में कुर्सी और प्रस्तावों को लेकर विधायक और अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विधायक ने अध्यक्ष पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया जबकि अध्यक्ष ने आरोपों को निराधार बताया। इस घटना से भाजपा कार्यकर्ताओं में असमंजस फैल गया और विकास कार्यों पर चर्चा बाधित हो गई।

    Hero Image
    कुर्सी और प्रस्तावों को लेकर हुई नोकझोंक। जागरण

    संवाद सहयोगी, रसूलाबाद । नगर पंचायत रसूलाबाद सभागार में बोर्ड की बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा शुरू हुई थी। विधायक पूनम संखवार और नगर पंचायत अध्यक्ष देवशरण कमल के बीच कुर्सी और प्रस्तावों को लेकर कहासुनी होने पर अचानक माहौल गरमा गया। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि विधायक ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बोर्ड की बैठक में इस बार विधायक पूनम संखवार भी शामिल हुईं। विधायक ने अध्यक्ष की कुर्सी ऊंची होने पर आपत्ति जताई। साथ ही उन्होंने प्रस्तावों को पहले से ही रजिस्टर में लिखकर रखने का आरोप लगाया। विधायक का आरोप है कि जब उन्होंने विकास कार्यों को जियो टैग करने और उसमें विधायक, अध्यक्ष व सभासदों का नाम दर्ज कराने की बात कही तो अध्यक्ष ने इसे परंपरा के विपरीत बताया। अध्यक्ष ने कहा कि यदि सांसद का नाम भी दर्ज किया जाए तो इसमें बुराई नहीं है।

    क्या बोले विधायक?

    विधायक ने कहा कि अध्यक्ष का रवैया इतना तानाशाही भरा था कि जब एक सभासद ने कुछ बोलना चाहा तो उन्हें ऊंची आवाज में रोक दिया गया। साथ ही अध्यक्ष ने यह कहकर हमारी बातों को दरकिनार कर दिया कि हमें जनता ने जिताया है।

    विधायक ने कहा कि जनता के साथ साथ पार्टी का भी योगदान रहा है। बहस इतनी बढ़ गई कि विधायक ने रजिस्टर फेंककर बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष देवशरण कमल ने विधायक के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि बैठक का उद्देश्य विकास कार्यों पर चर्चा करना था लेकिन विधायक हर बार विरोध का मुद्दा खोज लेतीं हैं।

    कुर्सी में बैठने में हुई असुविधा

    उन्होंने कहा कि जब विधायक पहली बार बैठक में आई थीं तब उनकी कुर्सी ऊंची थी और उन्हें बैठने में असुविधा हो रही थी। इस बार उनकी कुर्सी नीचे कराई गई थी ताकि उन्हें सुविधा मिले लेकिन इसे भी विवाद का विषय बना दिया गया। विधायक यह प्रचारित करती रहतीं हैं कि उन्होंने ही चेयरमैन बनाया है जबकि हकीकत यह है कि जनता ने उन्हें जिताया है।

    दोनों ही जनप्रतिनिधि भाजपा को होने के कारण कार्यकर्ताओं और सदस्यों के बीच भी असमंजस का माहौल बन गया। जिसके चलते बैठक विकास कार्यों की चर्चा के बजाय आपसी तनातनी की भेंट चढ़ गई।