Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

UP News: अपहरण के मामले में सपा नेता व नेत्री को 10 वर्ष का कारावास, 15 साल बाद पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में एक युवक के लापता होने पर पुलिस ने 15 वर्ष बाद मुकदमा दर्ज किया था। सपा नेता व उसकी पत्नी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। अब न्यायालय ने दोनों को दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जिसका 80 प्रतिशत वादिनी को दिया जाना है।

By ankit tripathi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 07 Aug 2024 09:38 AM (IST)
Hero Image
युवक के अपहरण मामले में सपा नेता व नेत्री को 10 वर्ष का कारावास

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। डेरापुर के फौजी ढाबा से एक युवक के लापता होने पर पुलिस ने 15 वर्ष बाद मुकदमा दर्ज किया था। मामले में पुलिस ने फौजी ढाबा मालिक सपा नेता सुरेश व कथित पत्नी सपा नेत्री सीमा के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे।

मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ने दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। सुरेश सपा लोहिया वाहिनी का पदाधिकारी रहा है तो सीमा करीब एक वर्ष पूर्व महिला सभा की जिलाध्यक्ष थीं।

अकबरपुर कोतवाली के माती किशुनपुर निवासी सूरज देई ने दो दिसंबर 2018 को पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि पुत्र मनोज डेरापुर क्षेत्र के सेंगुर नदी के पास फौजी ढाबा मालिक सुरेश चंद्र यादव के यहां 2000-2001 से गाड़ी चलाने का काम करता था। इसी बीच उसके पुत्र मनोज की शादी रंजधामी घाटमपुर निवासी सीमा के साथ हुई थी। वह फौजी ढाबा में ही पत्नी के साथ रहता था।

कुछ समय बाद पुत्र जब उससे मिलने आया तो बताया कि पत्नी के संबंध सुरेश चंद्र से हो गए हैं, जिसका विरोध करने पर उसे उन लोगों ने धमकी दी थी। उसके बाद काफी समय तक पुत्र मनोज उनसे मिलने नहीं आया। इस पर वह पता लगाने 18 दिसंबर 2003 को ढाबा पहुंची, जहां सुरेश ने बताया कि उसके पुत्र को काम से दिल्ली भेजा है जल्द ही आ जाएगा। काफी समय बाद भी जब पुत्र नहीं आया तो वह दोबारा फौजी ढाबा गई।

वहां मौजूद सीमा और सुरेश ने उसके साथ गाली गलौज करते हुए कहा कि बार-बार यहां आ जाती है। उसका लड़का इस दुनिया में नहीं है। दोबारा यहां आई तो दूसरा लड़का भी नहीं रहेगा। पुलिस ने मामले में वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करते हुए सीमा व सुरेश चंद्र यादव (सुरेश फौजी) के खिलाफ अपहरण का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम पूनम सिंह की कोर्ट में चल रही थी। न्यायालय ने शनिवार को दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध किया था। एडीजीसी प्रदीप पांडेय ने बताया कि नियत तिथि पर मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त सुरेश फौजी व सीमा को 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि का अस्सी फीसद वादिनी मुकदमा को दिए जाने के आदेश दिए गए हैं।

इसे भी पढ़ें: 'भारतीयों पर किया जा रहा हमला, दहशत में रातभर जागते', बांग्लादेश में फंसे कानपुर के परिवार ने बयां किया दर्द