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Kasganj News: किसान ने सार्वजनिक अपमान के बाद की आत्महत्या, रामलीला में कुर्सी से हटाने का आरोप

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के सोरों क्षेत्र में एक किसान ने अपमानित होने के बाद आत्महत्या कर ली। मृतक की पत्नी का आरोप है कि उनके पति को रामलीला देखने के दौरान कुर्सी पर बैठने के कारण दो सिपाहियों ने पीटा और अपमानित किया। इस घटना से आहत होकर किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Anupam Chaturvedi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 07 Oct 2024 03:33 PM (IST)
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गांव सलेमपुर बीबी में मृतक रमेश के घर पहुंचे भाकियू स्वराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप पांडेय सफेद पेंट शर्ट में
जागरण संवाददाता, कासगंज। सोरों के गांव सलेमपुर बीबी में सोमवार सुबह किसान ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पत्नी ने आरोप लगाया कि वंचित समाज का होने की सजा मिली है। गांव में स्थित सचिवालय में रामलीला के मंचन को देखने के लिए कुर्सी पर बैठना अपराध हो गया।

कमेटी के पदाधिकारियों के इशारे पर उनके साथ सार्वजनिक रूप से दो सिपाहियों ने उनसे मारपीट की। इससे आहत हाेकर उन्होंने जान दे दी।

फंदे पर लटका मिला शव

सलेमपुर बीबी के रहने वाले 35 वर्षीय रमेश चंद्र किसान थे। सोमवार सुबह जब पत्नी रामरती पूजा करके घर लौटी तो उनका शव फांसी के फंदे से लटका मिला। उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। घटना की जानकारी पर आसपास के लोग भी जमा हो गए। घटना की जानकारी पर भारतीय किसान यूनियन स्वराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप पांडेय मय साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए।

लोगों ने किया विरोध

सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सोरों भोजराज अवस्थी, क्षेत्राधिकारी सदर आंचल चौहान भी मय फोर्स के मौके पर पहुंच गए। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी तो लोगों ने हल्का विरोध भी किया। पुलिस ने समझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सपा के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह भी मौके पर पहुंच गए।

रामलीला कमेटी पर लगाए आरोप

मृतका की पत्नी रामरती का कहना था कि वह रविवार रात रामलीला कमेटी के इशारे पर पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से की मारपीट और खींच कर ले जाने के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए। इसी वजह से उन्होंने जान दे दी।

पत्नी रामरती ने आरोप लगाया कि उनके पति गलती इतनी थी कि वह वंचित समाज का होकर रामलीला देखने के लिए कुर्सी पर बैठ गए थे। यह बात रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों को अच्छी नहीं लगी। उन्होंने प्रांगण में मौजूद पुलिस कर्मी बहादुर और विक्रम चौधरी को इशारा किया। इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने सार्वजनिक रूप से पति को जातिसूचक गालियां दीं।

सार्वजनिक रूप से किया अपमानित

इसके बाद अंगोछा पकड़कर खींच कर गिरा लिया। सबके सामने उनके साथ लातघूंसों से मारपीट की और फिर अंगोछा पकड़ कर खींच कर ले गए। रामरती का आरोप है कि पति को सार्वजनिक रूप से हुए अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए और सुबह आत्महत्या कर ली। उनका कहना है कि रात में पुलिस द्वारा अंगोछा पकड़ कर खींचने का वीडियो कई लोगों के मोबाइल में भी है। मृतक की पत्नी रामरती ने दोपहर में दोनों सिपाही, रामलीला कमेटी के पदाधिकारी के खिलाफ तहरीर दी है।

रामलीला मंचन के दौरान व्यक्ति मंच पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा को देखते हुए उसे मंच से उतारा था और उसे पीछे ले गए थे। कहीं उसके साथ मारपीट या जातिसूचक शब्द नहीं कहे गए। आंचल चौहान, क्षेत्राधिकारी सदर

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