Kasganj News: शांत हो गई गंगा, टला बाढ़ का खतरा; लोगों ने ली राहत की सांस
Kasganj News बुधवार को गंगा का जलस्तर यकायक एक मीटर से अधिक बढ़ गया। इतना जलस्तर तो एक दिन में बाढ़ के दौरान जुलाई-अगस्त में नहीं बढ़ा था। यह देखकर तटवर्ती ग्रामीणों के दिलों में भय पैदा हो गया। गंगा की धार का रुख खेतों की ओर देखकर किसान घबरा उठे थे मगर गुरुवार को बैराजों से छोड़े गए पानी की मात्रा कम हो गई।
कासगंज, जागरण संवाददाता। गंगा बुधवार को डराने के बाद गुरुवार को शांत हो गई। बैराजों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा कम होने पर जलस्तर में 40 सेमी की कमी आ गई। इससे तराई क्षेत्र में राहत है। बाढ़ का खतरा टल गया है। यह देखकर तटवर्ती ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है। पहाड़ों और मैदानी क्षेत्र में विगत शुक्रवार से लगातार चार दिन हुई वर्षा के चलते हरिद्वार, बिजनौर और नरौरा बैराजों पर पानी का दबाव बढ़ा था। इसके चलते इन बैराजों से गंगा में पानी अधिक मात्रा में छोड़ा गया।
स्थिति यह हो गई की यहां बुधवार को गंगा का जलस्तर यकायक एक मीटर से अधिक बढ़ गया। इतना जलस्तर तो एक दिन में बाढ़ के दौरान जुलाई-अगस्त में नहीं बढ़ा था। यह देखकर तटवर्ती ग्रामीणों के दिलों में भय पैदा हो गया। गंगा की धार का रुख खेतों की ओर देखकर किसान घबरा उठे थे, मगर गुरुवार को बैराजों से छोड़े गए पानी की मात्रा कम हो गई। इससे जलस्तर में 40 सेमी की कमी आ गई। इससे तराई क्षेत्र में राहत महसूस की जा रही है।
गंगा में छोड़ा जा रहा है पानी
बुधवार को गंगा में हरिद्वार बैराज से 60,992 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, यह गुरुवार को 45,609 क्यूसेक रह गया। बिजनौर से बुधवार को 32,437 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, यह गुरुवार को 28,573 क्यूसेक छोड़ा गया। नरौरा से बुधवार को 46,458 क्यूसेक पानी छोड़ा था, गुरुवार को 22,775 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया। कछला में लगे मीटरगेज पर बुधवार को जलस्तर 162.89 मीटर पर पहुंच गया था। यह गुरुवार को घटकर 162.40 मीटर पर आ गया।
पहाड़ों पर हो रही बारिश बनी आफत
पहाड़ों और मैदानी क्षेत्र में अतिवर्षा के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा था। चूंकि बैराजों से अधिक पानी छोड़ दिया गया था। अब बैराजों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा कम हो रही है। इससे जलस्तर सामान्य की ओर बढ़ रहा है। -अरुण कुमार, एक्सईएन, सिंचाई विभाग