Ganga Water Label: कासगंज के 70 गांवों की गलियों में हिलोरें ले रही गंगा, बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्र में तबाही
Kasganj News गंगा की तीव्र धार गांवों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कच्चे बांधों पर भी प्रहार कर रही है। कादरगंज में अंत्येष्टि स्थल के पास करीब बीस मीटर तक बंधा कट गया था। इसे सही करने के लिए सिंचाई विभाग की टीमें जुटी थीं कि रविवार को पटियाली क्षेत्र में ही असदगढ़ के पास मनरेगा का बंधा कटान ले गया।
कासगंज, जागरण संवाददाता। डेढ़ माह से उफान ले रही गंगा की धार ने अब तटवर्ती क्षेत्र में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। गांवों की सुरक्षा के लिए बनाए गए बंधा कहीं रिस रहे हैं तो कहीं कट रहे हैं। सड़कें भी जलमग्न होकर टूट रही हैं। इससे तटवर्ती गांवों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। ग्रामीण अपना सामान समेटकर पलायन को मजबूर हैं। 70 गांवों में गलियों और लोगों के घरों तक पानी पहुंच चुका है। खेत तो डेढ़ माह से ही डूबे पड़े हैं और फसल गल-सड़ गई हैं।
दो दिन में बिगड़े हालात
गंगा में मध्यम बाढ़ की स्थिति तो डेढ़ माह से बनी हुई है, मगर हालात दो दिन से बिगड़ने शुरू हुए हैं। दो दिन पहले तक गंगा 164 मीटर से नीचे बह रही थी, मगर शनिवार से इसने यह स्तर पार कर दिया है। कछला में लगे मीटरगेज पर 164 मीटर पर तीव्र बाढ़ का निशान है। इसके बाद खतरा बढ़ता चला जाता है। इस तरह देखें तो गंगा अब खतरे की ओर बढ़ गई है। दो दिन पूर्व तक गंगा की धार से तटवर्ती 60 गांव घिरे हुए थे, इनकी संख्या अब 70 हो गई है। इनमें दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जिनमें आबादी में पानी प्रवेश कर गया है। यहां गली-मुहल्लों और घरों तक में गंगा की धार प्रवेश कर गई है।
बाढ़ की चपेट में आए गांव
इन बंधों के कटने से पानी दूसरी ओर गांवों में पहुंच रहा है और कई गांव बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। हालात बिगड़ते देख ग्रामीण भयभीत हो उठे हैं और वह पलायन करने को मजबूर हैं। बंधा कटने से बिगड़े हालात पटियाली क्षेत्र में कादरगंज घाट के पास शनिवार को बंधा कटा था। यह कटान अभी सही नहीं हो सका है। सिंचाई विभाग की टीम यहां लगातार काम करा रही है। बंधा कटने से नीबिया, पीतमनगर, हरौड़ा, असदगढ़, सनौड़ी, इंदाजसनपुर आदि गांवों में आबादी तक पानी पहुंच गया है।
कच्चे बंधा में दरार
असदगढ़ बंधा में रविवार को कटान होने से सहवाजपुर, मूंजखेड़ा, उलाई, अजीतनगर, धरमपुर, रफातपुर, नागर आदि में पानी प्रवेश कर गया है। इससे इन गांवों में अफरातफरी मची है। नगरिया फार्म की ओर बने कच्चे बंधा में भी रविवार को दरार आना शुरू हो गया। प्रधान ने मनरेगा मजदूरों को लगाकर यहां काम कराना शुरू कर दिया।
यहां कटीं सड़कें
पटियाली क्षेत्र में राजेपुर कुर्रा से मूंजखेड़ा की ओर जाने वाला मार्ग गंगा की धार से कई जगह कट गया है। उस पर पानी भी भरा हुआ है। नरदौली-राजेपुर कुर्रा मार्ग पर भी कटान हो गया है। नगला टिकारी से मुंशी नगला मार्ग पर भी कई जगह धार ने कटान कर दिया है। इन मार्गों पर पानी भी भर गया है। इससे आसपास के गांवों का संपर्क टूट चुका है।
यहां बाढ़ का जबरदस्त प्रकोप
सोरों क्षेत्र के गांव लहरा में बाढ़ का जबरदस्त प्रकोप है। चूंकि यह गांव गंगा के किनारे ही है, सो पूरे गांव में पानी ही पानी नजर आ रहा है। घरों के सामने गंगा बहती नजर आ रही है। पटियाली के गांव हंसी नगला में घरों और झोपड़ियों में पानी प्रवेश कर गया है। ग्रामीण अपना सामान ऊंचे स्थानों पर रखकर उसे सुरक्षित कर रहे हैं। झोपड़ियों में पानी इतना अधिक है कि लोग खाना बनाने तक को परेशान हैं। अजीतनगर गांव में पानी जबरदस्त प्रवाह के साथ बढ़ता जा रहा है। तमाम लोग बैलगाड़ी और नाव के सहारे अपना जरूरी सामान ले जाते नजर आए।
पटियाली क्षेत्र में नरदौली से लेकर राजेपुर कुर्रा तक का क्षेत्र नीचा है। यहां गंगा से सुरक्षा के लिए बंधा भी नहीं है। इससे गंगा उफान लेते ही उसकी धार क्षेत्र के गांवों में प्रवेश कर जाती है। पानी खेतों को डुबो देता है। इससे हर साल किसानों को क्षति उठानी पड़ी है। यहां ठोकर या बंधा बनाने की जरूरत है। -दिनेश कुमार, प्रधान, राजेपुर कुर्रा
सही बात तो यह है कि जब गंगा में बाढ़ आती है, तभी प्रशासन गांवों की चिंता करता है। इसके बद सब भूल जाता है। नगला जयकिशन के पास पुल गंगा की धार में बह जाने से दर्जनभर से अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं। मैं खुद वकील हूं और पटियाली तहसील नहीं जा पा रहा हूं। -जनवेश कुमार, प्रधान, नगला जयकिशन
गंगा में बाढ़ प्राकृतिक है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं। इस समय हालात बिगड़े हुए हैं। बंधा आदि कट रहे हैं और गांवों की आबादी में पानी पहुंच रहा है। हालात पर नियंत्रण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे अब नरौरा बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा कम हो रही है। इससे जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। - अरुण कुमार, एक्सईएन, सिंचाई विभाग