Kasganj News: गहराता जा रहा वकील मोहनी तोमर हत्याकांड, एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने आठ टीमें खुलासे के लिए लगाई
Kasganj Advocate Murder Case Update अधिवक्ता मोहनी तोमर की हत्या का मामला गहराता जा रहा है। भले ही पुलिस ने चार नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से अधिवक्ता संतुष्ट नहीं हैं। एएसपी के नेतृत्व में संचालित हो रही है कार्रवाई। पल-पल की जानकारी ले रहीं एसपी लगातार जारी दबिश।
संवाद सूत्र, जागरण. कासगंज। जिला सत्र न्यायालय के समाने से तीन सितंबर को रहस्यमयी ढंग से गायब हुई अधिवक्ता मोहनी का दूसरे दिन शव गोरहा नहर में मिला। उनकी नृशंस हत्या कर दी गई। मामला पुलिस के गले की फांस बन गया।
अधिवक्ताओं ने बवाल खड़ा कर दिया। पति की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर छह को नामजद किया। जिसमें एक को छोड़कर सभी अधिवक्ता हैं। चार की गिरफ्तारी हो गई। न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। शेष दो आरोपितों की तलाश में पुलिस लगातार दविश दे रही है। पुलिस की आठ टीमें बनाई गई हैं। इनका नेतृत्व एएसपी राजेश भारती कर रहे हैं।
एसपी अपर्णा रजत कौशिक भी टीमों की निगरानी कर रहीं हैं। पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। शेष दो आरोपितों के संभावित ठिकानों पर पुलिस लगातार दविशें दे रही है। जिसमें एसओजी, सर्विलांस, एसटीएफ, काेतवाली पुलिस के अतिरिक्त एसपी के निर्देश पर अन्य टीमें खुलासे में जुटी हैं।
जल्द घटनाक्रम का स्पष्ट खुलासा होगा
एएसपी का कहना है कि जल्द ही इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद घटनाक्रम का स्पष्ट खुलासा किया जाएगा। इधर अधिवक्ता संगठन भी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता जय किशोर सक्सेना ने कहा कि पुलिस इस मामले गहनता से जांच करें और जो वास्तवित आरोपित हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
पुलिस की कार्रवाई पर अधिवक्ताओं का प्रश्न चिन्ह
महिला अधिवक्ता की हत्या के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी के आधार पर आरोपितों को जेल भेजा है। इसे लेकर पुलिस की कार्रवाई पर अधिवक्ताओं ने प्रश्न चिन्ह लगाया है। अधिवक्ताओ का आरोप है कि पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की है। अधिवक्ताओं की हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। संघर्ष समिति सोमवार को भी बैठक कर कई अहम निर्णय लेगी।वकीलों ने पुलिस पर उठाए सवाल
रविवार को संघर्ष समिति की बैठक भी हुई है। जिसमें अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश शर्मा का कहना है कि बैठक में विभिन्न पहलुओं को लेकर रूपरेखा तैयार की गई है। पुलिस ने नामजद आरोपितों को जेल भेजा है, लेकिन न्यायालय में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं। इससे पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष नजर नहीं आ रही है। उनका कहना है कि मोहनी की हत्या के खुलासे में पुलिस ने जल्दबाजी की है। जांच पड़ताल किए बिना ही प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई कर डाली है।
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वकीलों ने बताया कि जिला सत्र न्यायालय परिसर में हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। संघर्ष समिति की बैठक फिर से होगी और कई अहम निर्णय लिए जाएंगे। यह मामला लखनऊ और प्रयागराज तक पहुंचेगा।
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