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Kasganj News: चंदन हत्याकांड में भी शामिल था मोहिनी का हत्यारोपित मुनाजिर, पुलिस ने दो आरोपित और किए गिरफ्तार

अधिवक्ता के पति बीएस तोमर ने बताया कि एक माह पूर्व सोरों के मोहल्ला टेढ़ा नीम निवासी शिवशंकर के साथ कोर्ट परिसर में अधिवक्ता हैदर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट कर दी थी। अधिवक्ता हैदर को पुलिस ने जेल भेजा और बाद में जमानत भी मिल गई। मोहिनी ने शिवशंकर का केस लिया। वे अधिवक्ता के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ रहीं थीं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 10 Sep 2024 08:02 AM (IST)
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Kasganj News: कासगंज की अधिवक्ता मोहनी तोमर का फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, कासगंज। अधिवक्ता मोहिनी तोमर के अपहरण और हत्या में पुलिस ने दो और अधिवक्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक अधिवक्ता मुनाजिर रफी तो दूसरा केशव मिश्रा है। मुनाजिर को लेकर सामने आया है कि वह 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए चंदन हत्याकांड में शामिल था। उस समय उसकी जमानत का मोहिनी ने विरोध किया था।

मंगलवार को दीवानी से लापता हुई फौजदारी अधिवक्ता मोहिनी का शव बुधवार रात नहर में बरामद हुआ था। मामले में मोहिनी के पति बीएस तोमर ने मुस्तफा कामिल, उनके पुत्र हैदर और असद, केशव मिश्रा व मुनाजिर रफी को नामजद किया था, ये सभी अधिवक्ता हैं। वहीं एक अन्य आरोपित सलमान है। शनिवार को चार आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि मुनाजिर और केशव फरार थे।

एसपी ने बताया कि चंदन हत्याकांड में शामिल था मुनाजिर

एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि सोमवार सुबह पुलिस ने मुनाजिर रफी और केशव को बस स्टैंड से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुनाजिर इससे पहले कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा में हुई चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या के मामले में भी शामिल था। अधिवक्ता मोहिनी तोमर ने मुनाजिर रफी की जमानत के विरोध के लिए वकालतनामा लगाया था।

एसपी ने बताया कि कासगंज कोर्ट में जब मुनाजिर की जमानत पर बहस चल रही थी, तो चंदन गुप्ता की तरफ से हिंदू संगठनों ने कुछ अन्य अधिवक्ता भी खड़े कर दिए थे। जिसके चलते उसकी जमानत अर्जी खारिज हो गई और पांच महीने बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल पाई थी। माना जा रहा है कि इसी रंजिश के चलते मुनाजिर मोहिनी की हत्या में शामिल हो गया। 

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आखिरी बार बेटे हुई थी बात

अधिवक्ता मोहनी का इकलौता बेटा देव बेंगलुरु में पढ़ता है। उसे बुधवार को कासगंज आना था। मंगलवार डेढ़ बजे देव ने अपनी मां मोहनी से मोबाइल पर बात की। इसके बाद उसने दोपहर ढाई बजे फोन लगाया तो वह बंद जा रहा था। उसे लगा कि मां ने कोर्ट में होने की वजह से मोबाइल बंद कर लिया होगा। शाम का उसे मां के गुमशुदा होने की जानकारी मिली। सुबह बेटा भी घर पहुंच गया।