UP Politics: अखिलेश यादव ने कासगंज में लगाई सेंध, कल्याण सिंह के नजदीकी रहे पूर्व विधायक के बेटे को दिलाई सपा की सदस्यता
Kasganj News In Hindi बीजेपी का दामन छोड़ सपा में शामिल हुए पूर्व विधायक के बेटे व पुत्रवधू। तल्ख अंदाज में समाजवाद को धार दे गए अखिलेश। सपा मुखिया ने की युवाओं किसानों और गरीबों को पाले में करने की कोशिश। सपा मुखिया ने साफ कहा कि भाजपा ने उनकी इस महत्वाकांक्षी योजना का कबाड़ा कर दिया। पुलिस सेवा-100 का नाम बदलकर 112 कर दिया। जबकि एंबुलेंस खराब कर दीं।
संवाद सूत्र, जागरण, कासगंज। बीजेपी का दामन छोड़कर पूर्व विधायक नेतराम के पुत्र प्रवेन्द्र राना अपनी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हेमलता के साथ सपा में शामिल हुए। समाजवादी पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोरों के मेला ग्राउंड में विशाल जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह टैनी एवं पंकज पुण्ढीर ने अपने समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की।उन्होंने यहां अखिलेश यादव से मुलाकात की।
भाजपा पर ही रहे बरसते, बसपा का नहीं लिया एक भी बार नाम
अखिलेश यादव एटा लोकसभा सीट पर प्रचार करने आए तो तल्ख अंदाज में समाजवाद को जमकर धार दी। साथ पूरे समय वह युवाअों, किसानों और गरीबों को साधते ही नजर आए। युवाओं के उत्साह के चलते वह वह भी जोश में नजर आए। खास बात यह रही कि उन्होंने करीब 41 मिनट के भाषण में बसपा का एक भी बार नाम नहीं लिया। लोकसभा चुनावों में सपा ने देवेश शाक्य उतारा है। भले ही औरेया से दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन एटा-कासगंज के लिए वह नए ही हैं।युवाओं और किसानों को कुरेदा
ब्राह्मण बाहुल्य तीर्थ नगरी सोरों में जनसभा जरूर थी। लेकिन आसपास के सभी इलाके यादव और शाक्य बाहुल्य हैं। उसकी छाया जनसभा में भी देखने मिली। अखिलेश यादव ने बगैर किसी नारे के अपना संबोधन शुरू किया तो बोलते ही चले गए। सामने अधिक युवा व किसान दिखाई दिए तो संबोधन में भी वरीयता इन्ही पर रही। बार-बार युवाओं के बारे में बात की। अग्निवीर भर्ती के नाम पर उनके जज्बात कुरेदे और उनकी नब्ज पर हाथ रखा। उन्हें रोजगार देने के साथ ही लैपटॉप और मोबाइल देने का वायदा कर उनकी उम्मीदों को पंख लगाए। हालत यह रही कि घूम फिर कर वह युवाओं के बारे में बात करने लगते। साथ ही किसान और गरीब की बात कर समाजवाद को धार देने की कोशिश भी की।
ये भी पढ़ेंः Election 2024: इस बार कम मतदान ने बढ़ाई टेंशन; मथुरा में 49.49 फीसद वोटिंग, नौ गांवों ने किया बहिष्कार, 11 प्रतिशत मतदान घटा
भाजपा पर साधा निशाना
विकास के मुद्दे पर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह का नाम लिए बगैर उनके दस साल के कामकाज पर तंज जरूर कसा। कहा कि दस साल में क्या हुआ, यह आपने देख ही लिया होगा। अपनी सरकार के विकास कार्य की तारीफ करते हुए कहा, हमने यमुना एक्सप्रेस-वे और आगार लखनऊ एक्सप्रेस का निर्माण कराया। कई पुल बनवाए जाने की बात भी कही। पुलिस की सेवा-100 और एंबुलेंस का जिक्र करना भी नहीं भूूले।
ये भी पढ़ेंः Lok Sabha Election: मैनपुरी के मैदान में एक और नए चेहरे की एंट्री, पहली बार बहन के लिए चुनावी क्षेत्र में उतरीं पूनमअखिलेश यादव ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) बनाया है। पीडीए के लेकर वह खासे उत्साहित भी रहते रहते रहे हैं। लेकिन पूरे भाषण में उन्होंने पीडीए का केवल एक बार ही नाम लिया। बसपा भी सपा की प्रतिद्वंदी दल है। लेकिन उन्होंने उन्होंने एक भी बसपा पर ना तो निशाना साधा अौर ना ही प्रत्याशी के बारे में एक शब्द कहा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।