Silkyara Tunnel Rescue की एक और कहानी; कासगंज के फिरोज और नासिर ने बताया कैसा रहा 26 घंटे का ऑरपरेशन, 26 घंटे में 18 मीटर काट दी सुरंग
सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों का मामला देश ही नहीं पूरे विश्व में गूंज उठा था। देश की मान प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। भले ही राहत कार्य के लिए आस्टेलियां सहित अन्य देशों से भी तकनीशियन आए लेकिन उनकी कार्रवाई फेल हो गई। मशीनें भी टूट गई। ऐसे में 12 लोगों की टीम ने सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला।
By pushpendra soniEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 10:45 AM (IST)
संवाद सहयोगी, कासगंज। भयभीत तो मुझ सहित पूरी टीम थी। मृत्यु के डर से धड़कनें बढ़ी थीं, पर हिम्मत नहीं हारी। जो काम विदेशी तकनीक और मशीनों से संभव नहीं हो सका, वह हमने कर दिखाया।
इस बात की बहुत खुशी है और खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। उत्तरकाशी की सिलक्यारा की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए दिल्ली से बचाव कार्य को पहुंची टीम में यहां के फिरोज कुरैशी भी शामिल थे। उन्होंने शुक्रवार को जब वहां की दास्तां सुनाई तो जोश से लवरेज नजर आए।
कासगंज में रहते हैं ससुराली
बड़े गर्व से कहा कि सुरंग से श्रमिकों क निकालने के लिए 17 दिन तक देश और विदेश के तकनीशियन जूझे। मशीनें भी लागाई गई। सब कुछ फेल हो गया। हमारी टीम ने 26 घंटे की मशक्कत के बाद श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया। तीर्थ नगरी सोरों के मुहल्ला बदरिया के मूल निवासी फिराेज कुरैशी की नगर के मुहल्ला मोहन की गली कस्सावान में ससुराल है। उनकी पत्नी और बच्चे किराए पर गांव अहरौली में रहते हैं। वह दिल्ली में मेहनत-मजदूरी करते हैं।ये भी पढ़ेंः Weather Update: आगरा में तेजी से बदलेगा मौसम, बारिश की चेतावनी जारी, विद्यालयों में बदला समय, अब इस टाइम खुलेंगे स्कूल
ऑस्ट्रेलिया से आए तकनीशियन
शुरू में उन्होंने मीट फैक्ट्री में काम करते थे। फिर वह रागवेल कंपनी से जुड़ गए। यह कंपनी पाइप लाइन बिछाने और पाइप में रहकर विभिन्न कार्यों को अंजाम देती है। उत्तरकाशी की सिलक्यारा में सुरंग में 41 श्रमिकों के फंसलने पर उन्हें निकालने के लिए आस्टेलिया से भी तकनीशियन आए।ये भी पढ़ेंःIncome Tax Survey: मुंशी पन्ना मसाला उद्योग पर 30 घंटे चली आयकर विभाग की जांच, करोड़ों का टर्नओवर लेकिन मामूली मुनाफा दिखाया
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