यूपी में पुलिस कर्मियों के लिए आया नया आदेश, नहीं माना तो रोका जाएगा HRA; इस वजह से लिया गया ये फैसला
कौशांबी में करीब दो हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनके निवास की व्यवस्था पुलिस लाइन से लेकर विभिन्न थाना व चौकियों में है। वर्षा की शुरुआत में ही पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने एक आदेश जारी किया था। इस आदेश का सिर्फ एक ही मकसद था कि पुलिसकर्मियों के साथ कोई अनहोनी घटना न हो। इसके बावजूद वह आदेश मानने को तैयारी नहीं।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। जिले में तैनात पुलिसकर्मियों में अधिकांश ऐसे हैं जो हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) बचाने के लिए कहीं भी कंडम घोषित जर्जर भवन में निवास कर रहे हैं। वर्षा के चलते इन जर्जर भवनों के ढहने से बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि, इन पुलिसकर्मियों को हाउस रेंट अलाउंस भी विभाग की ओर से दिया जा रहा है।
जर्जर भवन छोड़ने को लेकर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने वर्षा की शुरुआत में ही आदेश जारी किया था। इसके बावजूद जर्जर भवन न छोड़ने वाले कर्मियों की जांच कराते हुए उनका एचआरए रोका जाएगा।
नहीं मिलती सरकारी कॉलोनी तो किराये के कमरे में रहते हैं पुलिसकर्मी
जनपद में करीब दो हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनके निवास की व्यवस्था पुलिस लाइन से लेकर विभिन्न थाना व चौकियों में है। यदि किसी को सरकारी कालोनी नहीं मिल पाई है तो ऐसे पुलिसकर्मी किराये का कमरा लेकर रहते हैं। इसके बावजूद खासतौर पर जिला मुख्यालय मंझनपुर में देखने को मिल रहा है कि मुफ्त के कमरे में डेरा डालने वाले कर्मियों ने कंडम पड़े सरकारी विभाग के भवनों व आवासों को अपना निवास बनाया है।
बरसात में कर्मियों के साथ अनहोनी की संभावना
इन दिनों वर्षा हो रही है। जर्जर भवन कभी भी ढह सकते हैं, इससे पुलिसकर्मियों के साथ अनहोनी घटना भी हो सकती है। इसके बावजूद वह कंडम घोषित भवनों को नहीं छोड़ रहे। उदाहरण के तौर पर पुलिस आफिस के पीछे मौजूद कंडम घोषित हो चुके सरकारी आवासों को ही लिया जा सकता है।
दर्जन भर से अधिक पुलिसकर्मी यहां निवास करते हैं। जबकि, भवन की छत जर्जर होने के साथ दीवारें तक दरकी है। यहीं नहीं सिविल लाइंस पुलिस चौकी शिक्षा विभाग के भवन में संचालित है। वह भी कंडम घोषित हो चुका है।
पालन न करने वाले कर्मियों का एचआरए रोकने का फैसला
इस चौकी में रात्रि को पुलिसकर्मी निवास करते हैं जबकि सभी को एचआरए दिया जाता है। बहरहाल, जारी किये गये आदेश का पालन न करने वाले कर्मियों का एचआरए रोकने का निर्णय लिया गया है। इसकी जांच कराई जायेगी कि कौन कर्मी जर्जर भवनों में निवास कर रहा है।
पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, वैसे तो पुलिसकर्मियों के निवास की व्यवस्था पुलिस लाइन के अलावा विभिन्न थाना व चौकी परिसर में है। इसके बावजूद जिन्हें यहां कालोनी नहीं मिली है, उन्हें किराए पर कमरा लेने के लिए एचआरए दिया जाता है। वर्षा ऋतु की शुरुआत में ही जर्जर भवन में न रहने को लेकर आदेश जारी किया गया था। अब इसका निरीक्षण किया जाएगा। यदि कोई जर्जर भवन में निवास करते पाया गया तो उसका एचआरए रोका जाएगा।