जलीय जैव विविधता पार्क के रूप में अलवारा झील का होगा विकास
अलवारा झील को जलीय जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित करने का रास्ता साफ होता दिखाई देने लगा है। इसके लिए वन विभाग द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के मुताबिक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए पत्र आया है। संशोधित प्रस्ताव भेजने पर स्वीकृति मिलने की संभावना है। उसके बाद झील का विकास शुरू कराया जाएगा।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:30 PM (IST)
जागरण संवाददाता,कौशांबी: अलवारा झील को जलीय जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित करने का रास्ता साफ होता दिखाई देने लगा है। इसके लिए वन विभाग द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के मुताबिक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए पत्र आया है। संशोधित प्रस्ताव भेजने पर स्वीकृति मिलने की संभावना है। उसके बाद झील का विकास शुरू कराया जाएगा।
ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से मंझनपुर तहसील क्षेत्र के अलवारा झील को जलीय जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित करने की कवायद लंबे समय से चल रही है। हालांकि, इसे मूर्त रूप देने को लेकर सरकार ने अब गंभीरता दिखाई है। हाल में यहां से शासन को भेजे गए प्रस्ताव को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भेज दिया गया है। वहां से प्रस्ताव में कुछ संशोधन के संबंध में विभाग के पास पत्र आया है लेकिन, क्या संशोधन होना है, इसका उल्लेख उसमें नहीं है। डीएफओ आरएस यादव ने बताया कि गंगा के किनारे बसे जिलों में से 15 द्वारा इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उसमें से एक प्रस्ताव यहां का भी है। संशोधन बिदु के बारे में स्पष्ट पत्र आने पर प्रस्ताव को संशोधित करके भेज दिया जाएगा। क्या होंगे काम लगभग 10 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसमें फ्लावर गार्डेन, हर्बल गार्डेन, बटरफ्लाई पार्क, इंटरप्रिटेशन सेंटर यानी पक्षियों की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाली गैलरी, पक्षियों को देखने के लिए वाच स्थल, ईको फ्रेंडली बेंच, किनारों पर जेटी, सुरक्षा के लिए वाच टावर, बाउंड्री का सीमांकन, झील की सफाई आदि प्रस्तावित किए गए हैं। नौकायन की भी रहेगी व्यवस्था
डीएफओ ने बताया कि लगभग 405 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस झील में लोगों के लिए नौकायन की भी व्यवस्था की जाएगी। आवागमन के लिए मार्ग, सुंदरीकरण के लिए पौधारोपण भी कराया जाएगा। कहा कि झील के वास्तविक स्वरूप में बदलाव किए बिना यह काम कराए जाएंगे, जिससे कि साइबेरियन समेत अन्य पक्षियों के आवागमन में कमी न आने पाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि जलीव जैव विविधता पार्क बनने के बाद यहां पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
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