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गजब! जहां मकान बने हैं उसी जमीन का कर दिया आवासीय पट्टा, बाशिंदो ने डीएम से लगाई गुहार

कौशांबी के सिराथू तहसील में जमीन विवाद मामला सामने आया है। तहसील प्रशासन ने दुबई में रहने वाले युवक और उसकी पत्नी के नाम पर 20 साल से लोगों के कब्जे वाली जमीन का आवासीय पट्टा कर दिया। ग्रामीणों ने विरोध किया और डीएम से शिकायत की। डीएम ने एसडीएम से सोमोटो के तहत किए गए आवासीय पट्टे का अभिलेख तलब किया है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 05 Oct 2024 03:08 AM (IST)
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बाशिंदों ने डीएम से मिलकर मामले की शिकायत करते हुए जांच कराकर कार्रवाई की गुहार लगाई।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। सिराथू तहसील प्रशासन का एक खेल शुक्रवार को सामने आया। दुबई में रहने वाले युवक व उसकी पत्नी के नाम उस जमीन का आवासीय पट्टा कर दिया। जिस पर 20 साल से लोग घर बनाकर रह रहे हैं। 

गुरुवार को बस्ती खाली कराने राजस्व अफसर पहुंचे तो बाशिंदों को जानकारी हुई। शुक्रवार को बाशिंदों ने डीएम से मिलकर मामले की शिकायत करते हुए जांच कराकर कार्रवाई की गुहार लगाई।

यह है पूरा मामला

पल्टीपुर अंदावां निवासी रमेश कुमार, संदीप कुमार, सुरेश कुमार, दिलीप कुमार, गोरेलाल, ननका, नत्थू, इंद्रपाल, रामबाबू आदि 20 साल से ग्राम सभा की बंजर जमीन पर मकान व झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ गुजर बसर कर रहे हैं। 

तहसील प्रशासन ने दुबई में रह रहे अशोक कुमार व उसकी पत्नी निवासी धर्मपुर तहसील मंझनपुर के नाम करीब डेढ़ बिस्वा उसी जमीन का आवासीय पट्टा कर दिया, जिस पर वह सब लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। 

मामले की जानकारी गुरुवार को तब हुई जब बगैर नोटिस दिए तहसीलदार सिराथू राजस्व टीम के साथ गांव पहुंच गए। इस दौरान ग्रामीणों ने विरोध करते हुए उन्हें वापस कर दिया। 

शुक्रवार को पीड़ितों ने मामले की शिकायत डीएम मधुसूदन हुल्गी से किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एसडीएम से सोमोटो के तहत किए गए आवासीय पट्टे का अभिलेख तलब किया है।

पत्रावली की संस्तुति में साल लगे

उक्त जमीन पर आवासीय पट्टे का प्रस्ताव तीन मार्च 2023 को अशोक व उसकी पत्नी के नाम किया गया था। आवासीय पट्टे की संस्तुति एक साल चार महीने बाद नौ जुलाई 2024 को हुई। पत्रावली के संस्तुति में एक साल चार महीने का समय लगे। जो ग्रामीणों के साथ पीड़ितों के गले की फांस बना हुआ है।

ग्रामसभा की जमीन पर कब्जे की नियत से ईंट रखकर अस्थाई गोशाला बनाई गई है। मामला संज्ञान में आया है। पट्टा निरस्तीकरण का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पट्टाधारक दूसरे गांव का है। फिलहाल ऐसी जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो सच्चाई सामने आएगी तहसील प्रशासन वैसी कार्रवाई करेगा।

-अजेंद्र सिंह, एसडीएम सिराथू

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