वर्षा में भी प्यासे जिले के अमृत सरोवर
जिले में मई के अंतिम सप्ताह व जून के प्रथम सप्ताह से अमृत सरोवरों की खोदाई शुरू हो गई। इन सरोवरों की खोदाई 15 अगस्त तक पूरी होनी थी। साथ ही इसमें पानी आने और जाने का रास्ता बनाने के साथ स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया जाना था। स्वतंत्रता दिवस बीते लगभग एक सप्ताह हो गया लेकिन इन तालाबों में अब तक इनलेट व आउटउलेट का निर्माण नहीं हो सका। ऐसे में वर्षा का सीजन होने पर भी अमृत सरोवर प्यासे ही रह गए।
जासं, कौशांबी: जिले में मई के अंतिम सप्ताह व जून के प्रथम सप्ताह से अमृत सरोवरों की खोदाई शुरू हो गई। इन सरोवरों की खोदाई 15 अगस्त तक पूरी होनी थी। साथ ही इसमें पानी आने और जाने का रास्ता बनाने के साथ स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया जाना था। स्वतंत्रता दिवस बीते लगभग एक सप्ताह हो गया लेकिन, इन तालाबों में अब तक इनलेट व आउटउलेट का निर्माण नहीं हो सका। ऐसे में वर्षा का सीजन होने पर भी अमृत सरोवर प्यासे ही रह गए।
शासन ने जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण कराने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया था। इसके अंतर्गत 75 गांवों में एक-एक तालाबों का चयन अमृत सरोवर के लिए किया गया। अधिकारियों ने जिन तालाबों की सूची शासन को भेजी थी, उनमें से अधिकांश का चयन पूर्व में आदर्श तालाब योजना के लिए हो चुका था। बहरहाल, इसके पीछ तर्क दिया गया कि मनरेगा में पांच साल बाद किसी कार्य का दोबारा चयन हो सकता है। यह बात लोगों के गले नहीं उतरी। चयनित तालाबों की खोदाई मई माह के अंतिम सप्ताह व जून के प्रथम सप्ताह में शुरू हो गई। इन तालाबों को 15 अगस्त तक पूरा किया जाना था लेकिन, एक भी तालाब अमृत सरोवर के रूप में विकसित नहीं हो सका है। कुछ सरोवरों पर स्थान चिन्हित कर ध्वजारोहण का कोरम पूरा कर दिया गया लेकिन, इन सरोवरों में पानी कैसे भरे, यह बड़ा सवाल है। तालाब निर्माण का जो मूल उद्देश्य था, वह फिलहाल पूरा नहीं हो सका। तालाबों की खोदाई मनरेगा से कराई जा रही है।