पीएम आवास योजना में सेंध, हजारों गरीबों को आवास की दरकार, अपात्रों को दी गई आवासीय सुविधा
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। योजना के तहत अब 36302 लाभार्थियों को आवासीय सुविधा दी गई। इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए। आरोप है कि जिनको लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी दी गई थी। उनमें कुछ कर्मचारियों ने सैकड़ों अपात्र व्यक्तियों का चयन कर लिया और उनके खाते में धनराशि भी भेज दी गई।
कौशांबी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। योजना के तहत अब 36302 लाभार्थियों को आवासीय सुविधा दी गई। इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए। आरोप है कि जिनको लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी दी गई थी। उनमें कुछ कर्मचारियों ने सैकड़ों अपात्र व्यक्तियों का चयन कर लिया और उनके खाते में धनराशि भी भेज दी गई। योजना में गड़बड़ी होने से हजारों पात्र व्यक्तियों को अब आवासीय सुविधा का लाभ नहीं मिला है और वह कच्चे जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं। आवासीय सुविधा पाने के लिए पात्र व्यक्तियों को ब्लाक व तहसील मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
गरीबों को पक्की छह मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत वर्ष 2011 की गई सामाजिक आर्थिक एवं जाति वार जनगणना के आधार पर तैयार की गई पात्रता की सूची में शामिल लाभार्थियों को आवासीय सुविधा देने का निर्देश शासन स्तर से अधिकारियों को दिया गया। लाभार्थियों के चयन में ग्राम पंचायत व खंड विकास कार्यालय स्तर से गड़बड़ी की गई है। कई अपात्रों को आवासीय सुविधा दे दी गई है। इससे हजारों गरीब योजना के लाभ दे वंचित हैं। विभागीय आंकड़े पर जाए तो वर्ष 2011 की गई सामाजिक आर्थिक एवं जाति वार जनगणना के आधार पर तैयार की गई पात्रता की सूची में शामिल 20706 लाभार्थियों को वर्ष 2019-20 आवासीय सुविधा दी जा चुकी है। इसके बाद आवासीय योजना की स्थायी पात्रता सूची पुन: तैयार कराई गई, जिसमें 45 हजार से अधिक लाभार्थियों को शामिल किया गया। इसके बाद नई सूची में शामिल लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए आवास कवायद शुरू की गई अब तक कुल 36302 लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए धनराशि दी जा चुकी है। विकास खंड मंझनपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत उनो निवासी नागेंद्र कुमार, विमलेश, विकास खंड भरसवां के फूलचंद्र व रमेश तिवारी ने बताया कि वह कच्चे जर्जर मकान में रहते हैं। स्थाई पात्रता सूची में नाम होने के बाद भी आवासीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। कहा कि कई अपात्र व्यक्तियों को आवासीय सुविधा दी है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। 44 अपात्रों से धनराशि नहीं वसूल सके अफसर