कब्जेदार कर रहा था पट्टा होने का दावा, फिर भी प्रशासन ने चलवा दिया बुलडोजर, मची रही खलबली
नगर पंचायत की टीम ने शुक्रवार को अपनी भूमि पर किए जा रहे अवैध निर्माण को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कराया और उसे कब्जा मुक्त कराया। साथ ही अवैध कब्जेदार को भविष्य में अतिक्रमण न करने की हिदायत दी गई। वहीं कब्जेदार का कहना था कि नगर पंचायत गठन के पूर्व उसके पिता को वर्ष 1967 में पट्टा मिला था। कार्रवाई से अतिक्रमण करने वालों में खलबली मची रही।
संवाद सूत्र, सिराथू। नगर पंचायत सिराथू के अधिशासी अधिकारी वैभव चौधरी के नेतृत्व में टीम दोपहर में वार्ड नंबर छह गाजी का पूरा पहुंची। वहां नगर पंचायत की भूमि पर कराए जा रहे अवैध निर्माण को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कराया गया और भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया।
नगर पंचायत प्रशासन का दावा है कि जिस भूमि पर कब्जेदार द्वारा निर्माण कराया जा रहा था, वह सरकारी अभिलेखों में खलिहान दर्ज है। दो बार नोटिस देने के बाद भी कोई जवाब न मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
वहीं, कब्जेदार नूर मोहम्मद पुत्र मोहम्मद युसुफ का कहना था कि नगर पंचायत गठन के पूर्व उसके पिता को वर्ष 1967 में तत्कालीन ग्राम प्रधान नियामत उल्ला द्वारा आवास निर्माण का पट्टा दिया गया था।
आरोप लगाया कि नगर पंचायत प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना दिए निर्माण को ध्वस्त करा दिया। कार्रवाई में चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह, नगर पंचायत के वरिष्ठ लिपिक दीप कमल, बब्लू यादव, महेश यादव, ओम प्रकाश यादव, केडी गुप्ता मौजूद रहे।
क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट पर अवैध कब्जेदार नूर मोहम्मद को निर्माण न किए जाने व नगर पंचायत की भूमि जो अभिलेखों में खलिहान दर्ज है। उससे अतिक्रमण हटाने के लिए दो बार नोटिस दी गई। लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब न देने पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कराते हुए भूमि कब्जा मुक्त कराई गई।
-वैभव चौधरी, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सिराथू
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