Dhanteras 2024 धनतेरस पर इस बार तीन ग्रहों का महासंयोग हो रहा है। जिसे त्रिग्रही योग कहा जाता है। त्रिपुष्कर इंद्र वैधृति योग के साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ऐसा संयोग कई दशक बाद बन रहा है। इन दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान धनवंतरि व कुबेर की विधि विधान से पूजा करना काफी अच्छा माना जाता है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। धनतेरस पर्व पर इस साल त्रिग्रही योग बन रहा है। त्रिपुष्कर, इंद्र, वैधृति योग के साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग रहेगा। प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि व मंगलवार ने पर्व को खास बना दिया है। ऐसा संयोग कई दशक बाद आया है।
मान्यता है कि शुभ योग व नक्षत्र में मां लक्ष्मी के साथ भगवान धनवंतरी की आराधना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इससे धन से तिजोरी भरी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
मंगलवार को मनाया जाएगा त्योहार
ज्योतिषाचार्य आचार्य पं जयराम शुक्ल ने बताया कि धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस साल यह त्योहर 29 अक्टूबर यानि मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान धनवंतरि व कुबेर की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही शुभ चीजों की खरीदारी की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इससे धन से तिजोरी भरी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। कई साल बाद त्रिग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन त्रिपुष्कर, इंद्र, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है।
समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधिपूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
धनतेरस की त्रियोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू हो जाएगी। इसका समापन 30 अक्टूबर दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर खत्म होगा। इस दिन प्रदोष काल शाम पांच बजकर 38 मिनट से रात आठ बजकर 13 मिनट तक रहेगा। जबकि, गोधूली काल शाम छह बजकर 31 मिनट से रात आठ बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस पर यह कार्य करना होता है शुभ
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, गहने, वाहन, संपत्ति, घर या अन्य कीमती सामान खरीदने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी चीजें खरीदी जाती हैं, वह घर में समृद्धि और धन का आगमन करती हैं। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव देवता का ध्यान करके दक्षिण दिशा पर दीपक स्थापित करें। इससे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है। इसके अलावा आप दक्षिणावर्ती शंख, नमक, धनिया, धातु का बर्तन जरूर खरीद सकते हैं। इससे सुख-सौभाग्य और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।
ज्योतिषाचार्य आचार्य जयराम शुक्ल ने बताया-
धनतेरस पर इस साल दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। धन त्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग के साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग रहेगा। इस दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान रहेंगे, इससे लक्ष्मी नारायण योग का भी निर्माण होगा। ऐसे में पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ मिलेगा।
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