कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहा चुनावी प्रचार
कोरोना संक्रमण का कहर लोगों पर इस कदर हावी होता जा रहा है कि लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। जनता दहशत में हैं लेकिन पंचायत चुनाव में कूदे प्रत्याशी व उनके समर्थक इस संक्रमण को बढ़ावा देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे।
जासं, कौशांबी : कोरोना संक्रमण का कहर लोगों पर इस कदर हावी होता जा रहा है कि लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। जनता दहशत में हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में कूदे प्रत्याशी व उनके समर्थक इस संक्रमण को बढ़ावा देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। कोविड गाइड लाइन को दरकिनार कर बेधड़क चुनाव प्रचार हर दिन गांवों में किया जा रहा है। इतना ही नहीं, इसे लेकर पुलिस प्रशासन भी संजीदा नजर नहीं आ रहा। कोविड संक्रमण का दूसरा स्ट्रेन जानलेवा साबित हो रहा है। बुखार व जुकाम के बीच सांस थमने की बीमारी ने लोगों को मौत का शिकार बनाना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में बेड नहीं खाले और होम आइसालेशन में मरीज खुद की जिदगी बचाने में जिद्दोजहद कर रहे हैं। इस बीच पंचायत चुनाव इस बीमारी के लिए कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। चौथे चरण में 29 अप्रैल को जनपद में ग्राम प्रधान, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य व अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने हैं। नामांकन के बाद चुनावी मैदान में कूदे प्रत्याशी यह भूल गए हैं कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए उन्हें अपने लिए वोट मांगना है। जिले के अधिकांश गांव ऐसे हैं, जहां दिन रात प्रचार के लिए दर्जनों की संख्या में समर्थक अपने प्रत्याशी के साथ गलियों में घूमते नजर आ रहे हैं। दो गज की दूरी तो दूर, नजदीक से हाथ जोड़ना और मतदाताओं के पैरों पर दंडवत होकर प्रत्याशी अपने लिए वोट मांग रहे हैं। जागरूक मतदाता तो दूर से ही बात करते हैं, लेकिन जो कोविड संक्रमण के खतरे को हल्के में ले रहे हैं, वह तो सीधे प्रत्याशी को आश्वासन देने के नाम पर गले मिल रहे हैं। ऐसे में संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। कहने के लिए तो पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ गांव-गांव भ्रमण कर कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन अपने पद के लिए चुनावी मैदान में जीत का सपना देखने वाले प्रत्याशियों को न तो खुद व परिवार की चिता है और न ही मतदाताओं की।