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बिजली विभाग की लापरवाही: यूपी के इस क्षेत्र में 4 साल बाद भी नहीं लगे पोल और तार, अंधेरे में जीने को मजबूर लोग

UPPCL उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के इस गांव में बिजली विभाग ने चार साल पहले मीटर तो लगा दिए लेकिन पोल और तार नहीं लगाए। इससे आधे गांव के लोगों के घरों में ही बिजली जलती है। बाकी लोग दूर से केबल खींचकर या फिर चिराग और लालटेन से काम चला रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

By raj k. srivastava Edited By: Riya Pandey Updated: Fri, 30 Aug 2024 01:45 PM (IST)
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बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से अंधेरे में रहने को मजबूर लोग (प्रतिकात्मक फोटो)
संवाद सूत्र, कनैली (कौशांबी)। बिजली विभाग के अधिकारियों का भी कारनामा भी गजब का है। गोपसहसा विद्युत उपकेंद्र अंतर्गत बेरौंचा गांव के मजरा चांदकन में लगभग 25-30 घरों में मीटर तो चार साल पहले लगवा दिया गया, लेकिन पोल और तार अब तक नहीं लगवाए गए।

इसकी वजह से कुछ लोग तो दूर से केबल खींचकर बिजली जलाते हैं और कुछ लोग चिराग और लालटेन से ही काम चलाते हैं। ग्रामीणों ने पाेल लगवाने के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है।

चार साल पहले मीटर लगाया गया था मीटर

चांदकन गांव की लगभग 100 घरों की आबादी है। विभाग की ओर से चार वर्ष पहले घरों में मीटर लगाकर कनेक्शन दे दिया गया। लेकिन पूरे गांव में बिजली के पोल और तार नहीं लगाए गए। लिहाजा, आधे गांव के लोगों के घरों में ही बिजली जलती है। लगभग 25-30 घरों में से कुछ लोग बांस की बल्ली के सहारे केबल खींचकर बिजली जलाते हैं, बाकी अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं।

वंचित बस्ती में अभी तक नहीं बिजली

ग्राम प्रधान जय प्रकाश का कहना है कि वंचित बस्ती में अभी तक बिजली नहीं है। कई बार पत्र देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में अवर अभियंता शंकर लाल का कहना है कि पोल की मांग विभाग से की जाएगी। पोल मिलते ही जहां जरूरत है, वहां पोल लगवा दिए जाएंगे।

बारिश का मौसम होने के कारण घर में बिजली न होने से जहरीले जीव-जंतुओं का भय बना रहता है।अधिकारियों को खंभे शीघ्र लगवाना चाहिए, जिससे सभी घरों में बिजली जले।

-मनोज कुमार

कई सालों से पोल लगे हैं, लेकिन सिर्फ देखने के लिए। तार नहीं खींचे जाने के कारण कोई कटिया मारकर बिजली जलाता है तो कोई अंधेरे में रहने के लिए मजबूर है।

-जितेंद्र कुमार

घर में बिजली न होने से बच्चों की पड़ाई प्रभावित होती है। लैंप और बैटरी वाला टार्च जलाकर पड़ाई करानी पड़ती है।

-सुशीला देवी

बिजली न होने से रात में खाना बनाने में बहुत दिक्कत होती है। दिन रहते ही खाना बना लेना पड़ता है।

-गौरी देवी।

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