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Kaushambi News: कस्तूरबा गांधी स्कूल की पांच छात्राएं अचानक हुईं बेहोश, जमकर हुआ हंगामा

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डेन दीपा चंदेल ने कहा कि शासन द्वारा जो मीनू निर्धारित है उसी के अनुसार भोजन दिया जाता है। अधिक गर्मी व उमस के कारण कुछ छात्राएं बेहोश हो गई थीं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालत ठीक होने पर कुछ छात्राओं के परिजन उन्हें अपने साथ घर ले गए ।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 17 Aug 2024 12:40 PM (IST)
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छात्राओं से पूछताछ करते चौकी प्रभारी अर्का। जागरण

 संवाद सूत्र, जागरण, अर्का, (कौशांबी)। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लगातार सामने आ रही हैं। ताजा मामला कौशांबी विकास खंड के म्योहर स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय का है। गुरुवार रात पांच छात्राएं अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं।

इससे साथ पढ़ने वाली छात्राओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। जानकारी होने पर कुछ छात्राओं के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। हंगामे की सूचना पर पहुंचे अर्का चौकी प्रभारी और वार्डेन ने बीमार छात्राओं को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायअकिल में भर्ती कराया।

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय म्योहर की छात्रा आंचल, कौशिल्या, राधा, दीपांजली, रुचि और रंजना की हालत रात लगभग नौ बजे अचानक बिगड़ गई। सभी छात्राएं बेहोश हो गईं, जिससे सहपाठी छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच किसी ने अर्का चौकी में फोन कर दिया। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी कस्तूरबा स्कूल पहुंचकर सभी छात्राओं को समझाकर शांत कराया।

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चौकी प्रभारी ने वार्डेन की सहायता से एंबुलेंस बुलाकर बीमार छात्राओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायअकिल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उपचार के बाद उन्हें स्कूल भेज दिया। घटना की सूचना रात को ही खंड शिक्षाधिकारी अरुण सिंह और उच्चाधिकारियों को दी गई। खंड शिक्षाधिकारी रात में ही विद्यालय पहुंच कर जांच पड़ताल की और अस्पताल में बीमार छात्राओं का हालचाल लिया। शुक्रवार को सहायक लेखाधिकारी ने भी स्कूल पहुंचकर जांच की।

वार्डेन पर गुणवत्तापूर्ण भोजन न देने का लगाया आरोप

छात्राओं ने वार्डेन पर गुणवत्तापूर्ण भोजन न देने का आरोप लगाया। बताया कि दो किलो आलू की सब्जी और दो किलो दाल 70-80 छात्राओं में परोसा जाता है। दूध में पानी मिलाकर दिया जाता है। इतना ही नहीं मिलने वाले तेल साबुन में भी वार्डेन द्वारा कटौती की जाती है। हम सुबह अर्का महाबीरपुर स्थित राजकीय विद्यालय में पढ़ने चले जाते हैं। लौटकर आने पर हमें भरपेट भोजन नहीं दिया जाता।

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जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ. कमलेंद्र कुशवाहा ने कहा कि प्रकरण की जांच खंड शिक्षाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी एवं डीसी बालिका विद्यालय से भी कराई गई। छात्राओं के कान में कीड़ा चले जाने के कारण भयवश वह बेहोश हो गई थीं। खाने की गुणवत्ता का सवाल नहीं है। वह पढ़कर जब लौटीं तो उन्हें खाना नहीं मिल पाया था। बाद में बनवाकर दिया गया।

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