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खुद को पुलिस अधिकारी बताता था और… ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का अंतरप्रांतीय सरगना गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में साइबर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठगी गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया। आरोपी ने खुद को एंटी करप्शन अधिकारी बताकर एक युवक से ऑनलाइन ठगी की। पुलिस ने आरोपी के पास से तीन मोबाइल और तीन आधार कार्ड बरामद किए। उसके खिलाफ यूपी और महाराष्ट्र में 26 शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस अन्य गिरोह सदस्यों की तलाश कर रही है।

By Vikas Malviya Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 08 Oct 2024 12:15 AM (IST)
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पुलिस गिरफ्त में एंटी करप्शन अधिकारी बन ठगी करने वाला आरोपी। सौ. पु. मी. सेल।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। संदीपन घाट क्षेत्र के मूरतगंज में युवक के साथ जून माह में एंटी करप्शन का अधिकारी बन ठगी करने वाले अंतरप्रांतीय गैंग के सरगना को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 

पकड़े गए आरोपी के पास से घटना में उपयोग किए जाने वाले मोबाइल व कूट रचित तीन आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। आरोपी के खिलाफ महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के कई जनपद में जालसाजी की कुल 26 शिकायतें पंजीकृत हैं। पकड़े गए आरोपी से पुलिस ने पूछताछ के बाद चालान न्यायालय भेजा, जहां से उसे जेल भेजा गया।

यह है पूरा मामला

मूरतगंज निवासी दिनेश केसरवानी ने 26 जून को साइबर थाना में शिकायत किया कि उनके मोबाइल पर 22 जून को अनजान कॉल आई। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को एंटी करप्शन का अधिकारी बताया। 

जालसाज ने दिनेश से कहा कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत है। वह उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज देगा। दहशतजदा दिनेश ने मुकदमे से छुटकारा किये जाने की बात कही तो जालसाज ने एक बैंक खाता वाट्सएप पर दिया और कहा कि इसी अकाउंट नंबर पर चार हजार रुपये भेज दे। 

दिनेश ने व्हाट्सएप की डीपी चेक की तो पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। ऐसे में उन्हें विश्वास हो गया कि काल करने वाला व्यक्ति सच में अधिकारी है। उन्होंने जालसाज के कहने पर चार हजार रुपये खाते में ट्रांसफर कर दिए। 

इसी तरह ब्लैकमेल करते हुए कई किश्त में जालसाज ने दिनेश से अपने खाते में कुल एक लाख सात हजार पांच सौ रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद फिर से वह रुपये की मांग करने लगा। 

लिहाजा, दिनेश ने कुछ बुद्धिजीवियों के समझाने पर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से शिकायत की। उनके निर्देश पर साइबर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 

सीओ मंझनपुर सत्येंद्र तिवारी के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि जिस अकाउंट नंबर में रुपए मंगाए गए हैं, उसमें से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खाते में 35 हजार 822 रुपये भेजे गये हैं। इस पर साइबर टीम ने बैंक के अधिकारियों से बातचीत कर उस खाते को फ्रीज करा दिया। 

इसके बाद जांच करते हुए पुलिस टीम ने कानपुर देहात के केशरवल अंतर्गत धौकलपुर निवासी भानू सिंह पर संदेह किया। उसकी धर-पकड़ कर पुलिस ने पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल व तीन आधार कार्ड बरामद किए।

पकड़ा गया आरोपी पुलिस अधिकारी बन लोगों को ठगी का शिकार बनाता है। संदीपन घाट के मूरतगंज के रहने वाले युवक से भी ठगी की थी। उसके खिलाफ यूपी के विभिन्न जनपदों के अलावा गैर प्रांतों में भी ऑनलाइन शिकायतें की गई हैं। गैंग में शामिल अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। आरोपी ने अपने गांव के अधिकांश लोगों द्वारा इसी तरह ठगी किये जाने की बात बताई है। इसमें कितनी सच्चाई है, इसकी जांच कराई जा रही है।

- सत्येंद्र तिवारी, सीओ मंझनपुर।

दिल्ली, महाराष्ट्र व यूपी में 26 शिकायतें दर्ज

सीओ ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी अंतरप्रांतीय गैंग का सरगना है। उसके पास से बरामद मोबाइल के नंबरों को ट्रेस कराया गया तो पता चला कि इन नंबरों से महाराष्ट्र के ठाणे व आउटर डिस्ट्रिक्ट दिल्ली के अलावा यूपी के कौशांबी समेत सुल्तानपुर, गाजीपुर के अलावा 21 अन्य शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल में दर्ज हैं। 

यही नहीं, पकड़े गए आरोपी ने यह भी बताया कि उसके गैंग में कई अन्य लोग भी शामिल हैं। पुलिस हत्थे चढ़े भानु सिंह ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा गांव के अधिकांश लोग इसी तरह एंटी करप्शन व क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। यह खेल वर्षों से किया जा रहा है।

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