वाहन मालिकों के खाते में सीधे ट्रांसफर होगा पैसा
विधानसभा चुनाव के लिए जिले में वाहनों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चुनाव में लगने वाले प्राइवेट वाहनों के मालिकों के लिए राहत की बात भी है। उन्हें किराए का पैसा लेने के लिए उप संभागीय परिवहन कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। चुनाव के बाद किराया उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाएगा। इसके लिए वाहन मालिकों का खाता नंबर और इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम कोड (आइएफएससी) चुनाव आयोग की बेबसाइट पर फीड किया जाएगा।
जासं, कौशांबी: विधानसभा चुनाव के लिए जिले में वाहनों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चुनाव में लगने वाले प्राइवेट वाहनों के मालिकों के लिए राहत की बात भी है। उन्हें किराए का पैसा लेने के लिए उप संभागीय परिवहन कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। चुनाव के बाद किराया उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाएगा। इसके लिए वाहन मालिकों का खाता नंबर और इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम कोड (आइएफएससी) चुनाव आयोग की बेबसाइट पर फीड किया जाएगा।
मतदान के दिन मतदान कार्मिकों को पोलिग स्टेशनों तक पहुंचाने के लिए 410 बसों, सेक्टर एवं जोनल मजिस्ट्रेटों के भ्रमण के लिए 150 छोटे वाहनों और पुलिस पार्टियों व पैरा मिलिट्री फोर्स के लिए 250 छोटी गाड़ियों की जरूरत पड़ेगी। विभिन्न विभागों के 50 सरकारी वाहन भी चुनाव के लिए अधिग्रहित किए जाएंगे। बसें स्कूली और प्रावइेट अधिग्रहित की जाएंगी। हालांकि, जिले में इतनी बसें उपलब्ध हो पाना संभव नहीं है। 300 बसें ही मिलने की उम्मीद हैं। ऐसे में मंडलीय पूल से बसों की पूर्ति की मांग की जाएगी। वहीं, उप संभागीय परिवहन कार्यालय की ओर से सड़कों पर वाहन चालकों को अधिग्रहण के आदेश बांटे जाने लगे हैं, जबकि थानों के माध्यम से पंजीकृत प्राइवेट वाहन मालिकों को आदेश भेजे जाने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि चुनाव आते ही वाहन स्वामियों की नींद दूभर हो जाती है। खासकर उन वाहनों के मालिक अधिक परेशान होते हैं जो अपना वाहन चुनाव संबंधी कार्यों के लिए किराए पर चलाते थे। पुलिस चुनाव के काफी पहले वाहनों को खड़ा करा लेती है। बहरहाल, किराया मिलने में परेशानी के मद्देनजर चुनाव आयोग द्वारा पैसा सीधे मालिकों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।