भ्रष्टाचार पर पंचायत गेटवे पोर्टल का प्रहार
नीरज सिंहकौशांबी पंचायत गेटवे पोर्टल की परिकल्पना सरकार ने पंचायतों में होने वाले फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए की। 11 अगस्त से पोर्टल सक्रिय है लेकिन अब तक किसी भी ग्राम पंचायत ने इसे सक्रिय नहीं किया। ऐसे में करीब आठ से नौ करोड़ रुपये का भुगतान पंचायतों के खाते में डंप है। वह इसका प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं इस पोर्टल का उपयोग गांव के पंचायत भवन से ही करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया तो पोर्टल खुद लोकेशन तय (क्रिएट) करेगा और अधिकारियों को भेज देगा। ऐसा हुआ तो कार्रवाई तय है।
नीरज सिंह,कौशांबी: पंचायत गेटवे पोर्टल की परिकल्पना सरकार ने पंचायतों में होने वाले फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए की। 11 अगस्त से पोर्टल सक्रिय है लेकिन, अब तक किसी भी ग्राम पंचायत ने इसे सक्रिय नहीं किया। ऐसे में करीब आठ से नौ करोड़ रुपये का भुगतान पंचायतों के खाते में डंप है। वह इसका प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं इस पोर्टल का उपयोग गांव के पंचायत भवन से ही करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया तो पोर्टल खुद लोकेशन तय (क्रिएट) करेगा और अधिकारियों को भेज देगा। ऐसा हुआ तो कार्रवाई तय है।
जिले में आठ ब्लाक हैं। इन ब्लाक क्षेत्रों में 451 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें नाली, खड़ंजा, स्कूलों का जीर्णोद्धार, हैंडपंपों की मरम्मत आदि कार्य होते रहते हैं। इन कामों के अब तक भुगतान के लिए कोई निर्धारित माध्यम नहीं था। सचिव व प्रधान कहीं ब्लाकों तो कहीं सहज जन सेवा केंद्रों के माध्यम से भुगतान करा देते थे। बहरहाल, भुगतान में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने पंचायत गेटवे पोर्टल लांच किया है। इससे पूर्व जिले की हर ग्राम पंचायतों को कंप्यूटर व अन्य सुविधा से लैस किया जा चुका है। यहां पंचायत सहायकों की तैनाती के साथ ही उनका वेतन भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। जिले में 11 अगस्त से पंचायत गेटवे पोर्टल से ही भुगतान का निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद अब तक एक भी ग्राम पंचायत ने इस पोर्टल का उपयोग नहीं किया। वहीं, 11 ग्राम पंचायतों ने रोक के बाद भी गलत तरीके से भुगतान कर दिया। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। इन ब्लाकों की पंचायतों में किया गया भुगतान