कौशांबी: मिर्च तोड़ने गई महिला मासूम को खेत में सुलाया, सियार ने नोचकर उतारा मौत के घाट
कौशांबी एक दर्दनाक घटना घटी जहां एक मासूम बच्चे की जान एक सियार के हमले में चली गई। खेत में मिर्च तोड़ रही मां के पास सो रहे तीन महीने के बच्चे को सियार उठा ले गया और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है।
संवाद सूत्र, जागरण बारा, मंझनपुर। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां मंझनपुर तहसील के पाली उपरहार गांव में बुधवार की शाम खेत में मजदूरी करने गई महिला के दुधमुंहे बच्चे को सियार ने नोचकर मार डाला। घटना को लेकर स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पाली गांव का गंगा निषाद रोजगार के लिए पुणे में रहता है। पत्नी पूजा भी गांव में ही मजदूरी करती है। बुधवार को वह गांव में ही एक किसान के खेत में मिर्च तोड़ने गई थी। इस दौरान वह अपने तीन माह के दुधमुंहे बच्चे को एक टोकरी में सुलाकर खेत के मेड़ पर रखकर मिर्च तोड़ने लगी।
खेत में गांव की अन्य महिलाएं भी काम कर रही थी तभी सियार दुधमुंहे बच्चे को बगल के खेत में उठा ले गया और वहां नोच डाला। बच्चे के रोने पर खेत में काम कर रहे मजदूरों की नजर उसपर पड़ी। उन्होंने लाठी-डंडा लेकर सियार को दौड़ा लिया। सियार बच्चे को छोड़कर भाग निकला।
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मौके पर बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। आनन-फानन उसे सरांय अकिल के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। वहां मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया। स्वजन प्रयागराज के चिल्ड्रेन अस्पताल ले गए।
सियार के हमले से दहशत में लोग। जागरण
स्वजनों के मुताबिक वहां बच्चे को भर्ती नहीं कर एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। एसआरएन अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही रात 12 बजे बच्चे की मौत हो गई। स्वजन बच्चे के शव को लेकर वापस घर आ गए। गुरुवार दोपहर बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसे भी पढ़ें-लोकसेवा आयोग के पास प्रदर्शन कर रहे छात्रों को जबरन हटाने की कोशिश, पूर्व CM अखिलेश यादव के आने की संभावनादोआबा की नहरों में झाड़ियां पलेवा के लिए किसान हैरान रबी की फसलों की बोआई के लिए किसानों को अपने खेतों का पलेवा करने की जरूरत है। फसलों की बोआई के लिए वह जतन करने में जुटे हैं, लेकिन नेवादा ब्लाक क्षेत्र की अधिकतर नहरों में झाड़ियां उगी हैं। नहरों से झाड़ियों और सिल्ट की सफाई कब तक होगी? इस बारे में सही जानकारी देने वाला कोई नहीं है। नहरों में पानी कब तक छोड़ा जाएगा? यह भी पता नहीं है। इससे किसान परेशान हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।स्वजनों के मुताबिक वहां बच्चे को भर्ती नहीं कर एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। एसआरएन अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही रात 12 बजे बच्चे की मौत हो गई। स्वजन बच्चे के शव को लेकर वापस घर आ गए। गुरुवार दोपहर बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसे भी पढ़ें-लोकसेवा आयोग के पास प्रदर्शन कर रहे छात्रों को जबरन हटाने की कोशिश, पूर्व CM अखिलेश यादव के आने की संभावनादोआबा की नहरों में झाड़ियां पलेवा के लिए किसान हैरान रबी की फसलों की बोआई के लिए किसानों को अपने खेतों का पलेवा करने की जरूरत है। फसलों की बोआई के लिए वह जतन करने में जुटे हैं, लेकिन नेवादा ब्लाक क्षेत्र की अधिकतर नहरों में झाड़ियां उगी हैं। नहरों से झाड़ियों और सिल्ट की सफाई कब तक होगी? इस बारे में सही जानकारी देने वाला कोई नहीं है। नहरों में पानी कब तक छोड़ा जाएगा? यह भी पता नहीं है। इससे किसान परेशान हैं।